यूरोलॉजिस्ट डा. विकास कुमार ने जनहित में दी विशेष जानकारी
वाराणसी। यूरोलॉजिकल हेल्थ यानी मूत्र संबंधी स्वास्थ्य सेहत के लिए बहुत जरूरी है। अक्सर लोग पूछते हैं कि यूरोलॉजी क्या है तो बता दें कि यूरोलॉजी एक मेडिसिन स्पेशिलिटी है यानी विशेषज्ञता। यह यूरिनरी ट्रेक जैसे किडनी, यूट्रस, ब्लैडर वगैरह से जुड़ी समस्याओं से सम्बन्धित है। यूरोलॉजिकल बीमारियां यानी मूत्र संबंधी रोग सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। उक्त बातें सरस्वती यूरो केयर पहड़िया वाराणसी के संचालक एवं वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डा. विकास कुमार ने एक भेंट के दौरान कही।
उन्होंने मूत्र रोगों के इलाज, कारण और बचाव के उपायों के बारे में बताया कि ऐसे बहुत से काम हैं जिसे करके आप बेहतर यूरिनरी हेल्थ पा सकते हैं। हेल्दी यूरिनरी ट्रैक के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें, जलवायु परिस्थितियों के आधार पर एक दिन में 3 से 4 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए यदि गुर्दे सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। अपशिष्ट पदार्थ ज्यादातर मूत्र के माध्यम से ही शरीर से बाहर जाते हैं। इसलिए जब आप ज्यादा पानी पीते हैं तो टॉक्सिन्स बाहर निकलने में मदद करती है। इस तरह आप ज्यादा पानी पीकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं। क्रैनबेरी जूस यूटीआई को कम करने में मदद करता है।
डा. कुमार ने बताया कि नमक, कैफीन और एल्कोहल का सेवन कम करें। शराब और कैफीन दोनों ही मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हैं जिससे यूरिनरी ब्लैडर की लाइनिंग में जलन की समस्या हो सकती है और बार-बार पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाती है। अच्छा और संतुलित आहार पर विशेष ध्यान दें। अगर आपका बीएमआई ज्यादा है तो वजन कम करें। धूम्रपान बंद करें। श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें। इसके लिए किगल व्यायाम बहुत ही सही होता है। लंबे समय तक मूत्र को रोकने की आदत छोड़ दें। बच्चों को सही तरह से टॉयलेट ट्रेनिंग दें। रात में सोने से पहले तरल पदार्थ का सेवन कम करें।