दूसरे जनपद में तैनात सरकारी चिकित्सक ने अपनी पत्नी संग किया था इलाज
योगेश मिश्र
बाबागंज, प्रतापगढ़। गैर जिले में तैनात में एक सरकारी चिकित्सक ने अपनी महिला चिकित्सक पत्नी के साथ प्रसूता का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन करने से प्रसूता का जब अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा तो इलाज करने के लिए चिकित्सकों ने प्रसूता के पति से मोटी रकम की मांग की, जब चिकित्सकों को पैसा नही मिला तो उन्होंने इलाज बंद कर दिया जिससे प्रसूता की मौत गई। मृतका के पति ने आरोपी चिकित्सकों के खिलाफ पुलिस को नामजद तहरीर दी है।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के रानीमऊ गांव के रहने वाले अधिवक्ता सुदीप कुमार शुक्ल की पत्नी नेहा शुक्ल (25 वर्ष) को 22 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्होंने प्रसव के लिए अपनी पत्नी को कुंडा नगर पंचायत में बिहार रोड पर वैष्णव कालोनी में स्थित एक सरकारी चिकित्सक के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहाँ पर गैर जनपद में तैनात उक्त सरकारी चिकित्सक ने उनसे साढ़े बारह लेकर अपनी चिकित्सक पत्नी के साथ प्रसूता का ऑपरेशन करना शुरू कर दिया। ऑपरेशन करने के बाद जब प्रसूता को रक्त स्राव अधिक होने लगा तो चिकित्सकों द्वारा अधिवक्ता से एक लाख रुपए की मांग की गई। अधिवक्ता ने जब पैसा देने में असमर्थता जताई तो उनकी पत्नी का इलाज बंद कर दिया गया।
खतरा बढ़ता देख चिकित्सकों ने अधिवक्ता को इलाज के लिए प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भेज दिया लेकिन वहां भी प्रसूता के स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हुआ।प्रसूता की स्थिति को और खराब देखते हुए एसआरएन से उसे इलाज के लिए डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ भेज दिया गया। जहां पर चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन करने में लापरवाही बरती गई है जिससे प्रसूता की स्थिति बहुत खराब हो गई है। गलत तरीके से ऑपरेशन करने से 3 नवम्बर को अधिवक्ता के पत्नी की मौत हो गई। अधिवक्ता की पत्नी की मौत की खबर सुनकर अधिवक्तताओं में रोष फैल गया। पीड़ित ने मामलें की तहरीर स्थानीय पुलिस सहित उच्चाधिकारियों से की है। कुंडा कोतवाल प्रदीप सिंह का कहना है कि मामलें की जांच की जा रही है।
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