रामपथ के विरोध में प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया ज्ञापन
रामपथ की चौड़ाई 20 से घटाकर 18 मीटर करने की उठी मांग
भूमि पर उनके स्वामित्व को खतौनी में दर्ज करने की आवाज की बुलन्द
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। रामनगरी के बाद रिकाबगंज व नियावां के लोगों ने भी रामपथ निर्माण की चौड़ाई का विरोध शुरू कर दिया है। नाराज लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी नितीश कुमार को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट अरविंद द्विवेदी को सौंपा। विरोध करने वाले रामपथ की चौड़ाई 20 मीटर से घटा 18 मीटर करने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग चौड़ाई कम करने तक की ही नहीं हैं। जिस तरह से उनके मकानों की भूमि का स्वामित्व दूसरे का बता मुआवजा देने से मना किया जा रहा है, उसे लेकर उनमें बहुत आक्रोश है।
तहसील सदर की खतौनी में उनका सबका नाम दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं। कहते हैं कि उस भूमि पर बने मकान में तीन पीढ़ियों से परिवार के लोग रहते आए हैं। आरोप लगाया कि मुआवजा देने से बचने के लिए दूसरे की भूमि बता कर बचा जा रहा है। नाराज लोगों की बीती रात में अलका टावर में हुई बैठक में मांगे पूरी न होने तक विरोध करने की सहमति बनी। नाराज लोगों ने नगर मजिस्ट्रेट को बताया कि उसी मकान के आगे वाले हिस्से में दुकान कर परिवार का खर्च चलाया जाता है। नगर निगम से लेकर राज्यकर तक को टैक्स की धनराशि अदा करते हैं। प्रतिमाह बिजली का बिल जमा करते हैं।
अब चौड़ीकरण में आने वाले भवन के हिस्से को मलबा बताकर सिर्फ उसका मुआवजा देने को बताते हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में आनंद कुमार, अमित दिवाकर, अजीत जायसवाल, अभय प्रकाश गौड़, संदीप गुप्त, अभिषेक सिंह, राजकुमार, आशुतोष श्रीवास्तव, रितेश मिश्र, शुभ्रावला जायसवाल, भारत भूषण भाटिया, अबू सलमान अंसारी, खालिद कमाल, मो. इशहाक समेत तमाम लोग प्रमुख रहे।
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