जनपद के 80 कालेज के प्रधानाचार्यों ने शिक्षकों का नहीं दिया ब्यौरा, पढ़िए पूरी खबर…
अंकित सक्सेना
बदायूँ। शिक्षा विभाग के सामने यूपी बोर्ड परीक्षा खड़ी है और कालेज प्रशासन सहित शिक्षक लापरवाही कर रहे हैं। परीक्षा को एक तरह से प्रभावित करना चाह रहे हैं इसीलिये जिले 80 कालेज के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यो ने परिषद के लिये अपने कालेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा नहीं दिया। शिक्षकों का ब्यौरा अपलोड करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी रविवार रात 12 बजे तक थी। अब अगर डेटा अपलोड के लिये तिथि बढ़ायी जाती है तो छूटे हुये कालेज अपने यहां के शिक्षकों का ब्यौरा दे पायेंगे, अन्यथा अब मौका जा चुका है। जिले में यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारियां चल रही हैं। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर यूपी बोर्ड ने कालेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा मांगा था।
आखिरी तिथि 20 फरवरी तक 276 शासकीय, अशासकीय एवं वित्तविहीन कालेज में से 196 कालेज संचालकों ने बोर्ड की साइट पर अपने कालेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा अपलोड कर दिया, लेकिन 80 कालेज संचालकों ने ब्यौरा परिषद की साइट पर अपलोड नहीं किया। जबकि डीआईओएस ने 19 फरवरी को एक बार पुनरू सभी कालेज संचालकों को आखिरी तिथि से पहले शिक्षकों का डेट अपलोड कराने के निर्देश दिये थे, लेकिन 80 कालेज संचालकों ने डीआईओएस के आदेश पर अमल नहीं किया और शिक्षकों का डेटा अपलोडिंग के लिये रह गया। इससे यूपी बोर्ड परीक्षा का कार्य एक तरह से प्रभावित हो रहा है क्योंकि शिक्षा विभाग परीक्षा की तैयारियां कर रहा है। इस डाटा के बाद इन शिक्षकों की परीक्षा में ड्यूटी लगाई जानी है लेकिन शिक्षक और प्रधानाचार्य परीक्षा ड्यूटी से बचे रहें इसको लेकर यह लापरवाही की जा रही है।
जिले के 80 कालेज संचालकों ने बोर्ड की साइट पर अपने स्कूल में शिक्षण कार्य में लगे शिक्षकों का ब्यौरा अपलोड नहीं किया है। जिनकी रिपोर्ट तैयार कर उच्च स्तर के लिये भेजी जायेगी। उच्च स्तर पर कालेज प्रबंधन तथा लापरवाही प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी। यूपी बोर्ड परीक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी का कार्य है।
– डा. प्रवेश कुमार, डीआईओएस।
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