मिलीभगत से प्रतिमाह करोड़ों रूपये खनिज राजस्व की लूट

मिलीभगत से प्रतिमाह करोड़ों रूपये खनिज राजस्व की लूट

एनजीटी नियमों के विपरीत खनन से खनिज सम्पदा हो रहे समाप्त
5 साल के लिये आवंटित खनन पट्टे कुछ माह में सरेंडर
मंडोली, पथरी अन्य खदानों में अवैध खनन परिवहन ओवरलोडिंग ने पकड़ी रफ्तार
तेजस टूडे ब्यूरो
रूपा गोयल
बांदा। प्रदेश सरकार खनिज कारोबार से नियमों के आधार पर राजस्व पूर्ति के लिए कोई भी प्रयास करें। जनपद स्तर पर तैनात खनिज विभाग, राजस्व, वाणिज्य कर, प्रदूषण नियंत्रण व पुलिस प्रशासन के दोयम दर्जा अधिकारियों व खनिज माफियाओं का गठबंधन सरकार व मुख्यमंत्री योगी के अरमानों को हैवीवेट मशीनरी से जमींदोज कर रहे हैं। कभी कभी उच्चाधिकारियों को क्षेत्रीय ग्रामीणों व मीडिया में सुर्खियां बनी शिकायत खबरें से जानकारी मिली तो उनकी डांट-फटकार से संयुक्त टीम भागदौड़ कर कुछ ओवरलोड खनिज लदें ट्रकों को पकड़ कर थाने चौंकी में खड़ा कर सीज कर दिया गया जबकि हर बार बीडीओ कान्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी अधिकारियों को खनिज उत्खनन क्षेत्र से ओवरलोडिंग, अवैध खनन परिवहन पर रोकथाम के कड़े दिशा-निर्देशों देते हैं लेकिन उसके बावजूद ये तय मानक से कई गुना अधिक लदें ट्रकों को बेधड़क सड़कों में दौड़ते हुए देखा जाता है जो उनकी द्वारा की कार्रवाई के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति से पुष्टि करता है। इसके कारण खनिज विभाग व संयुक्त टीम से सेटिंग की दम पर मंडोली व पथरी खदान में एनजीटी नियमों सहित अन्य नियमों के विपरीत हैवीवेट मशीनरी से तय समय सीमा से पहले अनुमानित खनिज उत्खनन मात्रा को एनआर लोड कर कई गुना ऊंचे रेट पर बिक्री कर करोड़ों रुपए की सरकारी राजस्व क्षति दी जा रही है और इसमें पर्दे के पीछे से दोयम दर्जे के अधिकारी पूरा सहयोग दे रहे हैं।
इसके चलते इनके संचालकों द्वारा पूर्व में व वर्तमान समय में ग्रामीणों, किसानों, पत्रकारों व महिलाओं से बदसलूकी मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों ने सभी कुछ देख सुनकर कोई ठोस कार्रवाई करने से गुरेज किया जा रहा है। वहीं पैलानी तहसील अन्तर्गत मंडोली, पथरी आदि खदानों का आवंटन पांच साल के लिए तय है। ओवरलोडिंग कर इस खदान को कुछ माह में सरेंडर कर पट्टाधारक करोड़ों रुपए लूटकर अन्य माफियाओं की तरह रफू—चक्कर हो जाएं तो नया काम नहीं होगा। इन खदानों में नदियों की कोख को हैवीवेट मशीनरी से खोखला कर जमकर ओवरलोडिंग कर सैकड़ों ट्रक दबंगई के दम पर पहले कस्बे को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग बेधड़क दौड़ाया गया। यह नवनिर्मित सडक वर्षों की मेहनत के बाद राज्य सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद के प्रयास के बाद बनी जो प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित है जिसमें सड़क परिवहन मंत्रालय की नियमों के आधार पर भारी वाहनों का आवागमन संभव नहीं है। इसका प्रयोग ग्रामीण अपने हल्के कृषि उपयोगी यंत्र, वाहन व क्षेत्रीय जनता कर सकती।
कस्बेवासियों द्वारा भारी विरोध के बाद कुछ समय के लिए दिन के समय इन खदानों से निकल रहें वाहनों को रात्रि में गुजराने पर बात बनी। भाजपा ने लखनऊ की गद्दी संभालते ही सबसे पहले पूर्व की खनिज नीति में संशोधन कर खनिज पट्टों को डिजिटल माध्यम से ई-टेंडर प्रक्रिया के आधार पर नदी, पहाड़ों में उपलब्ध खनिज की मात्रा के आधार पर 5 वर्ष के समय सीमा पर खनन परिवहन की अनुमति देकर खदानों का आवंटन किया था जिससे प्रति माह लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व की पूर्ति हो सकें जिसमें एनजीटी, पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नियमावली उपस्थिति दर्ज कराई जाने की शर्तें लागू की गई। इसके लिए खनिज विक्री तय मानक से अधिक न हो, धर्मकांटे व हाई-फाई पी जेड सीसीटीवी कैमरे के आधार पर रव्वनै दिया जाना सुनिश्चित किया गया। नदियों की जलधारा व मूल स्वरूप को बिना क्षतिग्रस्त किए ज्यादा से ज्यादा नदियों किनारे जीवनयापन करने वाले ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ खनन संक्रियांये संचालित करने का एग्रीमेंट पट्टाधारकों से लिखित रूप में लिया जाता है जबकि बाहूबल, धनबल व प्रशासनिक सेटिंग्स से, मडौली व पथरी खदानों में अन्य क्षेत्रीय किसानों व मजदूरों को रोजगार देना तो दूर, बल्कि उनके खेतों में खड़ी फसलों को बेरहमी से मशीनरी और ट्रकों से रौंद कर भूखमरी के मुंह में झोंक दिया जा रहा है। इनकी सुध लेने में क्षेत्रीय प्रशासनिक अमला भी रूचि नहीं रखते है लेकिन पूर्व में देखा गया कि डीएम नागेन्द्र को कारगुजारियों की शिकायत दर्ज कराई गई तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर क्षेत्रीय जनता को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों की क्लास लगाई।
फिर से लगता है कि जिलाधिकारी द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों की उदासीनता व हठधर्मिता के कारण मौके पर औचक निरीक्षण कर बड़े एक्शन से ही अवैध खनन परिवहन व ओवरलोडिंग की रफ्तार को ब्रेक लगाने की संभावना है। खदान संचालकों कों संयुक्त टीम की जानकारी मिलते ही किसानों की हरी-भरी फसलों को बेरहमी से एक दर्जन से अधिक पोकलैंड मशीनरी से रौंद दिया है बेचारे गरीब किसानों हाय-तौबा कर अपने भाग्य को कोस कर शांत रहने में ही अपना हित समझा। सभी खदानों में बेधड़क ओवरलोडिंग ट्रकों को कुछ लोकेशन व गुर्गों के माध्यम से सरपट जनपद की सीमा से पार कराया जाता है। इसके लिए खदानों से मीडिया उपयोगिता अनुसार मीडिया की बोली लगाई जाती है। सूत्रों के मुताबिक पथरी खदान संचालक नवीन किसी अग्निहोत्री द्वारा द्विवेदी के ऑफिस से मिठाई बांटकर सूचना तंत्र का आशीर्वाद प्राप्त कर अमर बनने का सपना देख रहे हैं। आज नहीं तो कल मन मारकर यही संरक्षण व संरक्षक अपने सफेद शर्ट को दागदार होने पर आला में धोकर साफ कर लेंगे और खबरों में छपकर अपनी पीठ थपथपा लेंगे। करोड़ों रुपए सरकार को खनिज राजस्व की क्षति कर देंगे।

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