क्या उच्चाधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा सदर तहसील का भ्रष्टाचार?
क्या उच्चाधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा सदर तहसील का भ्रष्टाचार?
दलाल कहते हैं साहब से है हमारी पकड़, कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। इन दिनों भ्रष्टाचार की आगोश में डूबी जिले की सदर तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों के भी हाथ भ्रष्टाचार से सने हैं। फर्जीवाड़ा की पड़ताल में जब लगातार बाबू से लेकर पेशकार तक व खतौनी निकालने से लेकर लाला और रोशन, राजेश, मनु तिवारी, राज किशोर नाम के तथाकथित कर्मचारियों की खबरें लगातार तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार में छपने के बाद भी प्रशासन के अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हुए हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के जनक कोई और नहीं, बल्कि सदर तहसील के स्वयंभू अधिकारी ही है जिनके संरक्षण में सदर तहसील के अंदर सुबह से लेकर शाम तक समस्याओं के लेकर तहसील आने वाले पीड़ित ग्रामीणों को दलाल खुलेआम काम करवाने के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
आखिर कब तक जिले की सदर तहसील में अधिकारियों के संरक्षण में भ्रष्टाचार का काला कारनामा चलता रहेगा जहां पूरा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ उमड़ने वाले कई तरह के अबूझ सवाल भी जिला प्रशासन की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। आखिर जिला प्रशासन अपने कुंभकर्णी नींद से जागकर कब कार्यवाही करेगा ….? यह तो आने वाला समय ही बताएगा। हालांकि तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार लगातार सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कार्यवाही न होने तक मुहीम बनाकर खबर चला रहा हैं। भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही नहीं होगी तब तक तेजस टूडे की टीम मुहीम बना कर खबरें प्रकाशित करता रहेगा।
आप आईये! यहां तहसील में, आप आईये!ः एसडीएम सदर
जब इस सबंध में जब एसडीएम सदर राजेन्द्र शुक्ला से बात की गई तो गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि आप आईये यहाँ तहसील में आप आईये और फोन काट दिया। इससे साफ स्पष्ट होता है कि तहसील स्तर पर फैले भ्रष्टाचार में लिप्त उच्चा अधिकारियों की मानसिकता दिवालिया हो चुकी है। सदर तहसील में फैले मकड़जाल को भेदने के लिए सिर्फ डीएम से ही उम्मीद बची है। अब सवालिया निशान जिले की मुखिया पर लगे उससे पहले कानूनी कार्यवाही की आस पीड़ितों में जगी है।