झारखण्ड विस में भाजपा विधायकों का हंगामा
झारखण्ड विस में भाजपा विधायकों का हंगामा
राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
नीरज कुमार
रांची (झारखण्ड)। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को काफी शोर-शराबा देखने को मिला। विपक्षी दल बीजेपी विधायकों ने सरकार से राज्य को सूखा प्रभावित घोषित करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। सुखाड़ के मुद्दे पर भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा किया। इसकी वजह से स्पीकर को पहले दोपहर 12.30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सोमवार सुबह करीब 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई। सदन के भीतर भाजपा विधायकों ने राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने को लेकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्य किसानों के पारंपरिक परिधान (टी-शर्ट और धोती) में अपनी मांग लेकर सदन के वेल में आ गए और प्रश्नकाल बाधित किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सदन में आते ही हंगामा कई गुना बढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आश्वासन के बावजूद कि इस मामले पर दूसरी पाली में में विशेष चर्चा निर्धारित है। भाजपा विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा। इसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के बीच पहला अनुपूरक बजट पेश
दोपहर 12.35 बजे फिर कार्यवाही शुरू हुई। हंगामे के बीच सदन में प्रभारी वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3436.56 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इस दौरान भी भाजपा विधायकों ने विरोध में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदर्शन को नियंत्रित करने में असमर्थ महतो ने सदन को दूसरी बार दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। स्पीकर ने 29 जुलाई को छह दिवसीय मानसून सत्र की शुरुआत के दौरान कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति के बीच किसानों की दुर्दशा की ओर सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने कहा था, राज्य में लगभग 40 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। 24 जिलों में से 12 में सामान्य से कम बारिश हुई है। जब हम कई मामलों पर चर्चा के लिए बैठते हैं तो हमें किसानों की दुर्दशा के मसले को भी शामिल करना चाहिए, ताकि सदन इसका सार्थक समाधान निकाल सके।