आखिर चारागाह की जमीन पर अवैध खेती करने वालों की पैरवी क्यों कर रहे तहसीलदार?

आखिर चारागाह की जमीन पर अवैध खेती करने वालों की पैरवी क्यों कर रहे तहसीलदार?

झूठी आख्या लगा भूमाफियाओं का करते हैं बचाव

संदीप पाण्डेय
सलोन, रायबरेली। तहसील प्रशासन के अधिकारियों कि भ्रष्ट कार्यशैली से एक तरफ जहां फरियादी परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण व खेती करने वाले भूमाफियों पर भ्रष्ट तहसीलदार अजय कुमार पूरी तरह से मेहरबान हैं। तहसील क्षेत्र में आज से लगभग कुछ माह पूर्व एंटी भूमाफिया अभियान चला खूब वाहवाही लूटी गई किल्तु भूमाफियाओं के सिक्को कि खनक में सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारियों के तेवर ठंडे पड़ गये।जिससे अब यही भ्रष्ट अधिकारी भूमाफियों के पक्ष में उच्चाधिकारियों को झूंठी आख्या प्रेषित कर गुमराह करते नजर आते हैं।जी हां, हम बात कर रहे हैं सलोन तहसील मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर स्थित मटका ग्राम सभा कि जहाँ चारागाह की सुरक्षित भूमि में भूमाफियों द्वारा सामूहिक रूप से गेहूं व आलू कि अवैध खेती कई वर्षों से किया जाता हैं।वर्तमान समय में चारागाह कि सुरक्षित भूमि कि लगभग तीस से पैंतीस बीघा भूमि में धान कि अवैध फसल लहलहा रही है।

After all, why is the Tehsildar advocating for those who do illegal farming on pasture land?

जिसे प्रशासन जानकर भी अंजान बना बैठा है बल्कि ग्रामीणों कि शिकायत पर भूमाफियों के पक्ष में ही आख्या लगाकर उच्चाधिकारियों को संतुष्ट कर दिया जाता है।इतना ही नहीं हाल ही में चारागाह कि सुरक्षित भूमि में भूमाफिया सामूहिक रूप से अवैध मकानों का निर्माण भी कर रहे थे।जिसकी सूचना देने के बावजूद भूमाफिया सांठगांठ कर चारागाह कि सुरक्षित भूमि में छत डाल दिये।भूमाफियों व प्रशासन कि ये काली करतूत लगातार अखबारों की सुर्खियों में भले ही बनी हो किन्तु भूमाफिया व प्रशासन कि गठजोड़ किसी भी हालत में टूटने का नाम नहीं ले रही है।जिससे एक बार पुनः चारागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध रुप से धान कि अवैध फसल तैयार कर रहे हैं व भूमाफिया बेखौफ ढंग से चारागाह कि सुरक्षित भूमि में निर्माणाधीन मकानों में सांठगांठ कर छत भी डाल लिये है।

सलोन तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा मटका की जहां पर लगभग 67 बीघा चारागाह की भूमि अभिलेखों में तो दर्ज है किन्तु मौके पर चारागाह कि सुरक्षित भूमि के प्रत्येक गाटा संख्याओं पर प्रसाशन के रहमो-करम से भूमाफिया सामूहिक रूप से काबिज हैं।हाल ही में चारागाह कि ही भूमि में भूमाफियों ने एक साथ सात अवैध मकान बना छत डाल दिए। चारागाह कि सुरक्षित भूमि में अवैध खेती व मकान के निर्माण का मामला सुर्खियों में होने के बावजूद भूमाफिया पुनः तहसील प्रशासन की सहमति से चारागाह कि सुरक्षित भूमि में धान की रोपाई कर लिए है।जिसे एक बार फिर भूमाफिया काटकर अपना रसूख बढ़ा लेगें और सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी भूमाफियों पर कथित कार्यवाही का दावा कर भूमाफियों पर अपनी छत्र छाया बनाये रखेंगे।

2017 में अवैध फसल पर चले थे ट्रैक्टर
बीते वर्ष सन 2017 में पूर्व तहसीलदार राजेश कुमार चौरसिया ने चारागाह के कुछ गाटा संख्याओं पर लहलहा रही फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था किन्तु उनके जाते ही भूमाफियों ने पुनः फसल बो दिया।तब से भूमाफियों ने प्रशासन को इस कदर प्रभाव व प्रलोभन दिया कि आज तक तहसील प्रशासन के अधिकारी भूमाफियों के आगे सर झुकाते नजर आते हैं बल्कि भूमाफियों कि पैरवी भी तहसील प्रशासन के अधिकारी आख्याओ में जमकर करते हैं।

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