जिले में इस घटना से मच गया हड़कंप, एक घर में सात लाशों को देख पैरों तले खिसक गई थी जमीन, फर्श पर फैला खून बयां कर रहा था हैवानियत
गोरखपुर (पीएमए)। जिले की एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया था। यह उस काली रात की खौफनाक कहानी है, जब एक ही परिवार के सात लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड से पूरा जिला दहल उठा था। जिस घर में हत्या हुई थी, वहां आस पड़ोस के लोगों के लिए यकीन करना मुश्किल था कि जिस घर में देर रात तक चहल-पहल थी, उस घर में सुबह होते ही लाशों का ढेर लग गया। उस समय पूरा इलाका सहमा हुआ था। इस घटना में एक अकेली जिंदा बची थी मासूम बच्ची, जिसको हत्यारों ने मृत समझकर छोड़ दिया था।
ये हुई थी घटना
घटना 20 नवंबर 2001 की है। इस कत्लेआम में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कातिलों की बर्बरता का खुलासा हुआ था। पुलिस की जांच रिपोर्ट भी चौंकाने वाली थी। वारदात को अंजाम देने वालों में उन लोगों का नाम आया था, जिनको इन लोगों ने भोजन खिलाकर पेट भरा था।
कैप्टन पत्नी पर करता था शक पति, बेडरूम में किया ऐसा…..
लगभग 20 साल पहले गोरखपुर शहर के रूस्तमपुर के शिवाजी नगर कॉलोनी में बैंककर्मी राकेश राय के परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। बेरहमी ऐसी कि देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। तीन मासूम बच्चों को दीवार पर पटक-पटक कर मारा गया था। अगली सुबह जब छठ पर्व को लोग घरों से निकले और राकेश राय के घर का खुला दरवाजा देखकर जो भी अंदर गया उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पड़ोसी अमित सिंह बताते हैं कि यकीन मानिए बच्चों की लाश देखकर गश आ गया था। फर्श पर फैला खून देखकर बस एक ही सवाल उठता था, कौन हो सकता है, इतना बड़ा दरिंदा?
इन सब के बीच एक कोने पर राकेश की बेटी पड़ी थी। सिर से खून बह रहा था, सांसें उखड़ी-उखड़ी चल रही थी। किसी की हिम्मत नहीं थी कि वह उसके पास तक जा सके। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसको अस्पताल में भर्ती कराया। सिर पर चोट आने की वजह से होश आने में भी लंबा समय लग गया था। कई महीनों तक वह सदमे में रही।
मौत को खुद बुलाया था
पुलिस की जांच में सामने आया था कि बदमाश वारदात के लिए जगह चिह्नित करने दोपहर में राकेश के घर भीख मांगने के बहाने गए थे। भूखा समझकर उनकी पत्नी ने घर में दो लोगों को बुलाकर भर पेट भोजन कराया था तब उन्हें भी नहीं पता था कि जिसे वह निवाला दे रही हैं वहीं रात में उन्हें और परिवार को मौत के घाट उतार देगा।
बेबस भरी नजरों से बच्चों की मौत को देखा था परिवार पोस्टमार्टम में जो जिक्र था उसके मुताबिक राकेश को मारने के बाद बच्चों को मारा गया था फिर परिवार के अन्य सदस्यों को मौत के घाट उतारा गया था। उस समय को सोचिए जब सिर पर मौत खड़ी हो मालूम हो कि मरना ही है और सामने ही छोटे छोटे बच्चों को बेरहमी से मारा जा रहा हो। मौत से पहले की क्रूरता ने उस परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया था। बाद में होश में आई बेटी ने भी इसकी पुष्टि की थी कि हम लोगों के सामने ही बच्चों को मारा गया था।