सड़क दुर्घटना में वृद्ध की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

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सुइथाकला, जौनपुर। सरपतहां थाना क्षेत्र के डीह असरफाबाद गांव में हुई दुर्घटना में घायल बाइक सवार वृद्ध की इलाज के दौरान मौत हो गयी जबकि गम्भीर रूप से घायल दूसरे का इलाज बीएचयू में चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम 7 बजे थाना क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी राम नाथ यादव (60) पुत्र आनन्द यादव कम्मरपुर निवासी मनोज सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह के साथ सूरापुर की तरफ से आ रहे थे कि उक्त स्थान पर अचानक सड़क पर आए सांड़ से टकरा कर गम्भीर रूप से जख्मी हो गए। स्थानीय लोग तत्काल घायलों को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुइथाकला ले गये जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत बेहतर इलाज के लिए दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन इलाज के लिए जौनपुर ले जा रहे थे कि रास्ते में हीं राम नाथ यादव की मौत हो गयी जबकि गम्भीर रूप से घायल दूसरे का इलाज बीएचयू में चल रहा है। मौत की खबर लगते हीं परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही करने के उपरांत अन्त्यपरीक्षण हेतु भेज दिया।

सुइथाकला, जौनपुर। सरपतहां थाना क्षेत्र के डीह असरफाबाद गांव में हुई दुर्घटना में घायल बाइक सवार वृद्ध की इलाज के दौरान मौत हो गयी जबकि गम्भीर रूप से घायल दूसरे का इलाज बीएचयू में चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम 7 बजे थाना क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी राम नाथ यादव (60) पुत्र आनन्द यादव कम्मरपुर निवासी मनोज सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह के साथ सूरापुर की तरफ से आ रहे थे कि उक्त स्थान पर अचानक सड़क पर आए सांड़ से टकरा कर गम्भीर रूप से जख्मी हो गए।

जौनपुर। भाजपा कार्यालय पर सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुये जिलाध्यक्ष श्री पुष्पराज सिंह के अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें आपातकाल पर चर्चा हुई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि 25 जून का दिन एक विवादस्पद फैसले के लिए जाना जाता है यही वह दिन था जब देश में आपातकाल लगाने की घोषणा हुई तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनता को बेवजह मुश्किलों के समुंदर में धकेल दिया। 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई और 26 जून 1975 से 21-मार्च 1977 तक यानी 21 महीने की अवधि तक आपातकाल जारी रहा। आपातकाल के फैसले को लेकर इंदिरा गांधी द्वारा कई दलीलें दी गईं। देश को गंभीर खतरा बताया गया, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही थी उन्होंने कहा कि हमारे जिले जौनपुर से भी कई नेता जेल गए जिसमे मुख्य रूप से पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह अल्प आयु में ही जेल गए कैलाश विश्वकर्मा जी, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव तमाम नेता जेल गये थे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल की नींव 12 जून 1975 को ही रख दी गई थी जब इंदिरा गांधी के खिलाफ संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की राजनारायण ने अपनी याचिका में इंदिरा गांधी पर 6 आरोप लगाये थे 12 जून 1975 को राजनारायण की इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया इंदिरा गांधी को चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का दोषी पाया गया और इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद्द कर दिया और 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ता इसलिए इस लटकती तलवार से बचने के लिए प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर आपात बैठक बुलाई गई। इस दौरान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष डीके बरुआ ने इंदिरा गांधी को सुझाव दिया कि अंतिम फैसला आने तक वो कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएं और प्रधानमंत्री की कुर्सी वह खुद संभाल लेंगे लेकिन बरुआ का यह सुझाव इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को पसंद नहीं आया संजय की सलाह पर इंदिरा गांधी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 जून को सुप्रीम कोर्ट में अपील की सुप्रीम कोर्ट ने अगले दिन 24 जून 1975 को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वो इस फैसले पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री बने रहने की अनुमति दे दी, मगर साथ ही कहा कि वो अंतिम फैसला आने तक सांसद के रूप में मतदान नहीं कर सकतीं विपक्ष के नेता सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला आने तक नैतिक तौर पर इंदिरा गांधी के इस्तीफे पर अड़ गए। एक तरफ इंदिरा गांधी कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहीं थीं, दूसरी तरफ विपक्ष उन्हें घेरने में जुटा हुआ था। गुजरात और बिहार में छात्रों के आंदोलन के बाद विपक्ष कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो गया। लोकनायक कहे जाने वाले जयप्रकाश नारायण (जेपी) की अगुआई में विपक्ष लगातार कांग्रेस सरकार पर हमला कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन 25 जून 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में जेपी ने एक रैली का आयोजन किया जिसमे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, आचार्य जेबी कृपलानी, मोरारजी देसाई और चंद्रशेखर जैसे तमाम दिग्गज नेता एक साथ एक मंच पर मौजूद थे। विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से इमरजेंसी के घोषणा पत्र पर दस्तखत करा लिए जिसके बाद सभी विपक्षी नेता गिरफ्तार कर लिए गए 26 जून 1975 को सुबह 6 बजे कैबिनेट की एक बैठक बुलाई गई इस बैठक के बाद इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो के ऑफिस पहुंचकर देश को संबोधित किया उन्होंने कहा कि आपातकाल के पीछे आंतरिक अशांति को वजह बताई लेकिन इसके खिलाफ गहरी साजिश रची गई इसके बाद प्रेस की आजादी छीन ली गई, कई वरिष्ठ पत्रकारों को जेल भेज दिया गया अखबार तो बाद में फिर छपने लगे, लेकिन उनमें क्या छापा जा रहा है। ये पहले सरकार को बताना पड़ता था। इमरजेंसी का विरोध करने वालों को इंदिरा गांधी ने जेल भेज दिया था 21 महीने में 11 लाख लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. 21 मार्च 1977 को इमरजेंसी खत्म करने की घोषणा की गई। इंदिरा गांधी और कांग्रेस आपातकाल को संविधान के अनुसार लिए गया फैसला बताते रहे, लेकिन वास्तव में उन्होंने 1975 में संविधान द्वारा दिए गए इस अधिकार का दुरुपयोग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंघानियां, अमित श्रीवास्तव, जिला महामंत्री शुशील मिश्रा, पीयूष गुप्ता, जिला मंत्री राजू दादा, अभय राय डीसीएफ चेयरमैन धन्यजय सिंह, भूपेंद्र पांडे, आमोद सिंह, विनीत शुक्ला, राजवीर दुर्गवंशी, रोहन सिंह, इन्द्रसेन सिंह प्रमोद, अनिल गुप्ता, प्रमोद प्रजापति, भाजयुमो जिला महामंत्री विकास ओझा, शुभम मौर्या आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

स्थानीय लोग तत्काल घायलों को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुइथाकला ले गये जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत बेहतर इलाज के लिए दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन इलाज के लिए जौनपुर ले जा रहे थे कि रास्ते में हीं राम नाथ यादव की मौत हो गयी जबकि गम्भीर रूप से घायल दूसरे का इलाज बीएचयू में चल रहा है। मौत की खबर लगते हीं परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही करने के उपरांत अन्त्यपरीक्षण हेतु भेज दिया।

चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गैंगस्टर एक्ट में वांछित दो अभियुक्तों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर चालान भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के बकुची गांव निवासी शमसुद्दीन उर्फ शमशाद पुत्र अब्दुल अजीज को मंगलवार की शाम मुखबिर की सूचना पर उसरहटा आजाद रेलवे क्रासिंग के समीप से गिरफ्तार किया गया। वहीं बुधवार की सुबह सबरहद गांव निवासी कलीम पुत्र झिनक को सबरहद गांव के समीप से गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपितों के ऊपर गोवध निवारण अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में वांछित चल रहे थे। कोतवाली निरीक्षक भारत भूषण तिवारी ने मय हमराहियो समेत गिरफ्तार कर दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज कर चालान भेज दिया। जौनपुर। जिले में बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। सिकरारा क्षेत्र के शाहपुर स्थित बजरंग बली मंदिर कुटी परिसर में सपा नेता लकी यादव ने पदाधिकारियों के साथ केक काटकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का जन्मदिन मनाया। इसके साथ ही बच्चों को वस्त्र, अनाज व फल वितरित किया। उन्होंने कहा कि किसान, गांव, गरीब की लड़ाई केवल समाजवादी पार्टी ही लड़ सकती है। इस अवसर मोनू यदुवंशी, सोनू यदुवंशी, केशजीत यादव, राहुल यादव, रामनाथ यादव, तेजू यादव प्रधान, मंगल यादव, शुभम, आनन्द, मुलायम, शशिकांत, संस्कार, मेवा आदि उपस्थित रहे।जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक बूथ पर ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर रहे है, आज जिला महामंत्री श्री रामसूरत बिंद ने बूथ संख्या 58 सोधी ग्राम के मैदान में पौधरोपण करते हुये कहा कि वृक्षों में जीवधारियों के प्राण बसते हैं, यदि वृक्षों से होने वाले लाभों के बारे में सोचा जाए तो यह कथन पूरी तरह सच लगता है। वृक्ष जीव समुदाय को फल-फूल, पत्ती, लकड़ी और अनेक प्रकार के उपयोगी जड़ी बूटी प्रदान करते हैं धरती के हरियाली में शोभा बढ़ाते हैं यह प्राणवायु छोड़कर सारे संसार का भला करते हैं, यह वर्षा कारक है भूमि का क्षरण और बाढ़ रोकने में वृक्षों सा मददगार कोई नहीं, वृक्षों से रबड़, दातुन जड़ी-बूटी आदि उपयोगी पदार्थ प्राप्त होते इसलिए धरती पर जितने अधिक वृक्ष होंगे इसकी सुंदरता और गुणवत्ता में उतनी ही बृद्धि होगी। उनके साथ शैलेस यादव, किशन बिंद, सोनू बिंद और बूथ अध्यक्ष सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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