अंकित सक्सेना
बदायूं। पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्षओं के कार्यकाल समाप्त होने के बाद निर्णय कौन करेगा, इसके लिये पूर्व में शासन ने डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाने के आदेश दिये थे। जिसके बाद वित्तीय स्वीकृति के अधिकार को लेकर असमंजस की स्थित थी। जिसे शासन ने स्पष्ट करते हुये एडीएम प्रशासन व ईओ के संयुक्त हस्ताक्षर से ही धन स्वीकृत होगा। जिसके बाद पालिका व नपं में चला आ रहा असमन्जस समाप्त हो गया है।
निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किये जाने को शासन स्तर से आदेश जारी किये थे। कमेटी निकायों में दैनिक कामों के अलावा पहले के चल रहे विकास कार्यो को ही सुचारू रख सकेगी। कमेटी को कोई नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं रहेगा।मंगलवार को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन अमृत अभिजात ने डीएम को पत्र जारी कर तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया है।
जिसके तहत डीएम की अध्यक्षता में जिले की नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत वहां की बागडोर प्रशासन के हाथ में रहेगी। पत्र में निकायों में प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारों के निर्वहन के लिये शासन के निर्देश पर डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित होगी। जिसमें डीएम के अलावा एडीएम तथा संबंधित ईओं के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा।
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