श्रीमद्भागवत कथा समापन पर हवन व भंडारा हुआ आयोजित
आरएल पाण्डेय
लखनऊ। बाराबंकी में सूरतगंज ब्लॉक के चन्दूरा गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के समापन पर हवन व भंडारे का आयोजन किया गया। कथा व्यास विमल बल्लभ महाराज ने मुख्य संकल्पी राजेश्वरी दीक्षित और यजमान गिरीश चंद्र दीक्षित व श्रीमती रमा दीक्षित को सदैव प्रभु सेवा में लगे रहने का आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व, आचार्य अथर्व मिश्र ने यजमान समेत सम्पूर्ण दीक्षित परिवार को साथ बैठाकर हवन कराया। दोपहर बाद शुरू भंडारे में क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोगों के अलावा, सैकड़ों श्रद्धालु जनों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इससे पूर्व कथा के आखिरी दिन सायंकालीन बेला में व्यास श्री बल्लभ महाराज ने कहा कि अहंकार मनुष्य के पतन का मुख्य कारण है। ज़ब तक मन मस्तिष्क में घमंड रहता है तब तक प्रभु की कृपा नहीं मिल सकती। माधव को पाने के लिए साधक को अहंकार का त्याग करना ही होता है। बिना गुरु कृपा के यह संभव भी नहीं है। उन्होंने कहा कि भौतिक सम्पन्नता के साथ आध्यात्मिक सम्पन्नता भी जरूरी है। आध्यात्म से आत्मबल मजबूत होता है। गीता-रामायण का नियमित पाठ करने से मन स्थिर रहता है।
सातों दिन कथा सुनने कर आनंदित होने वाले श्रद्धालु जनों में सर्वश्री सुरेश चंद्र दीक्षित, दिनेश चंद्र दीक्षित, नरेश दीक्षित, बृजेश चंद्र दीक्षित, एस.डी. दीक्षित, राजेश दीक्षित, रामजी, छोटकन्नू, आशुतोष दीक्षित, आशीष, सोमू, पुन्नू, मंजुल, प्रिंसू, गोलू, शिव कैलाश, मनोरमा, सुशीला, विजय लक्ष्मी, नीलम, वंदना, बिट्टा, राधा, बबली, रिम्मी, शिल्पी, शीलू, गुड़िया, सोनी, रेनू, रीतू, नीतू, श्वेता, हैप्पी आदि प्रमुख हैं। पूर्णाहुति के बाद भंडारे में सुखनंदन अवस्थी, निवर्तमान भाजपा विधायक शरद अवस्थी, नीरज बाजपेयी, मनीष पाण्डेय, प्रेम मिश्र, अनुराग बाजपेयी, चंदन मिश्र, रमेश बाजपेई, कल्लू मिश्र, विनोद मिश्र, महेश मिश्र, पुतई, मुन्ना अवस्थी, बाबू राम मौर्य, कृष्ण चंद्र त्रिवेदी, वशिष्ठ त्रिवेदी, मीनू, टिंकू, परमा, राकेश, शिव रानी, राम रानी, जूली व गुनगुन आदि भक्त शामिल रहे।
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