बिहार में बाढ़ का बढ़ा कहर, मुजफ्फरपुर में 10 प्रखंडों की 56 पंचायतें चपेट में
पटना, (पीएमए)। बिहार में पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, दरभंगा व मधुबनी सहित 10 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। महाराजी बांध कई जगहों पर टूट गया है। फस्वरूप दर्जनों गांव जलमग्न हो गये हैं। कई गांवों का मुख्य सड़क से सम्पर्क कटा गया है। दरभंगा में केवटी प्रखंड के पश्चिमी भाग में बहने वाली अधवारा समूह की धौंस नदी के किनारे बना महाराजी बांध शुक्रवार की सुबह कोठिया-मगरथू के बीच रामभरती के समीप करीब 30 फुट में टूट गया। इससे बाढ़ का पानी कोठिया, जलवारा, शेखपुर दानी, असराहा, लदारी, ननौरा, खिरमा पंचायत में प्रवेश कर गया है। वहीं, कोठिया-वाजितपुर के बीच बांध से रिसाव जारी है। पानी का बहाव ज्यादा होने से कोठिया पंचायत के पचमा, पमरिया, मगरथू, वाजिदपुर गांव के दर्जनों घरों में पानी प्रवेश कर गया है। कोठिया मध्य विद्यालय में करीब तीन फुट पानी बह रहा है।
पश्चिमी चंपारण में कई नदियों में आई बाढ़ की तेज धार ने लोगों की आंखों के सामने ही सड़क पर बने पुल के एक हिस्से को बहा दिया है। जान बचाने के लिये लोग घर की छतों और बांध व अन्य ऊंचे स्थानों पर दिन-रात काट रहे हैं। गौनाहा प्रखंड का मरजदी मरजादपुर गांव दो भागों में बंट गया है। नदी के दोनों तटों पर बसे 225 घरों की करीब 3000 हजार आबादी भी बंट गयी है। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार को अचानक कटहा नदी उफान पर आ गयी और दोनों गांवों के बीच बने पुल का पूर्वी एप्रोच बहा ले गयी। इस वजह से गांव दो भागों में बंट गया है। बागमती नदी के जलस्तर में हुयी वृद्धि से समस्तीपुर में नामापुर, गोदाईपट्टी, रसलपुर बघला, अकौन आदि गांव के लोग परेशान हैं। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बाढ़ का पानी शहर के निचले हिस्सो के घरों में घुस गया है। लोग ऊंचे स्थान एवं बांध पर शरण ले रखा है। जलजमाव से समस्तीपुर शहर के लोग भी काफी परेशान हैं। मुजफ्फरपुर में सिकंदरपुर से चंदवारा तक निचले इलाकों में भारी जलजमाव है। बूढ़ी गंडक में कटाव से मीनापुर में आधा दर्जन घर बह गये हैं। वहीं, बिहार की 9 प्रमुख नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती दरभंगा व मुजफ्फरपुर में तो बूढ़ी गंडक मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर व पूर्वी चंपारण में, गंडक गोपालगंज में, कोसी खगड़िया, सहरसा, सुपौल में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
उधर, पूर्व मध्य रेल के अधीन समस्तीपुर रेल मंडल अंर्तगत मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर सुगौली व मझौलिया स्टेशनों के बीच रेल पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण छठे दिन शनिवार को भी ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। जबकि, समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर ने मगरदही स्थित रेलवे के पुराने पुल के पिलर को छू लिया है। इसलिये शनिवार से दरभंगा-समस्तीपुर डाउन रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। कमला-बलान मधुबनी में, अधवारा सीतामढ़ी में, खिरोई दरभंगा में, लखनदेई सीतामढ़ी में, परमान अररिया व पूर्णिया में खतरे के निशान से ऊपर है। इधर, घाघरा व महानंदा नदी का जलस्तर भी फिर से बढ़ने लगा है। सीवान व सारण में घाघरा का जबकि किशनगंज में महानंदा का जलस्तर बढ़ रहा है।
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मुजफ्फरपुर में लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे जिले के 10 प्रखंडों की 56 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गयी हैं। पानी के फैलाव को देखते हुये जिला प्रशासन लगातार हालात पर नजर रख रहा है। राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने वरीय पदाधिकारियों व विभिन्न विभागों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग समन्वय के साथ दायित्वों का निर्वहन करें। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। जलस्तर में बढ़ोतरी से आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट मोड में है। प्रखंडों के स्थानीय पदाधिकारियों, विभिन्न तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं एवं वरीय प्रभारी अधिकारियों को लगातार मनीटंिरग करने को कहा गया है। स्वास्थ्य, पशुपालन एवं पीएचईडी विभाग को विशेष निर्देश दिये गये हैं। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक बाढ़ से 4 पंचायतें पूर्ण एवं 52 आंशिक रूप से प्रभावित हैं। एक लाख 19 हजार 745 की आबादी इससे प्रभावित हुयी है। बचाव राहत कार्य के तहत 1,600 ड्राई राशन पैकेट व 14,270 पालीथिन शीट का वितरण किया गया है। 46 सरकारी सहित कुल 148 नावों का परिचालन प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है। 36 सामुदायिक रसोईघर चलाये जा रहे हैं। इसमें अब तक 34,054 व्यक्तियों ने भोजन किया है। वहीं, 7 स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 4,256 हैलोजन टेबलेट का वितरण किया है। बेजुवान यानी जानवरों के लिये 40 पशु कैंप चलाये जा रहे हैं।
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मुजफ्फरपुर में बीते शुक्रवार की शाम को बागमती नदी का जलस्तर 55.6 मीटर (खतरे का निशान 55.23 मी.) पर रहा। वहीं, गंडक नदी का जलस्तर 53.99 मीटर (खतरे का निशान 54.41 मी.) दर्ज किया गया है। बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसका जलस्तर 53.51 मीटर पर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 52.53 मीटर से करीब एक मीटर ज्यादा है। जलस्तर में वृद्धि के बाद भी इस जिले के सभी मुख्य बांध सुरक्षित हैं। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद सभी वरीय पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
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