मोदी कैबिनेट में भोजपुरी स्टार रवि किशन के भी शामिल होने की चर्चा
लखनऊ (पीएमए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में होने वाला यह पहला कैबिनेट विस्तार होगा। केंद्र में होने वाले इस कैबिनेट विस्तार में उत्तर प्रदेश से चार से पांच चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। इस विस्तार में राजनीतिक समीकरण के लिहाज से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन होगा। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। यहां की राजनीति में ओबीसी का खासा प्रभाव को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है।
सड़क दुर्घटना में एक साथ 3 लोगों मौत, 6 लोग घायल
मोदी कैबिनेट के विस्तार में उत्तर प्रदेश बड़ा हिस्सा मिल सकता है। दरअसल उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश से चार से पांच मंत्री बनाए जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश में सहयोगी अपना दल से अनुप्रिया पटेल के साथ-साथ भाजपा के कोटे से वरुण गांधी शामिल हो सकते हैं। दोनों युवा भी हैं, शिक्षित भी और जातिगत समीकरण के खांचे में भी फिट हैं। सांसद अनुप्रिया पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शुमार थीं। उत्तर प्रदेश के हर प्रमुख जाति समूह से केंद्र में कोई न कोई प्रतिनिधि होगा। अन्य में सहयोगी दलों को भी शामिल किया जा सकता है।
भांजे ने मामा को उतारा मौत के घाट
केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिए से अहम माना जा रहा है। विस्तार के माध्यम से भाजपा कुछ खास जाति-वर्ग के मतदाताओं के बीच बड़ा मैसेज देना चाहेगी। अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के इकलौते सांसद प्रवीण निषाद भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनके अलावा सांसद रीता बहुगुणा जोशी या सीमा द्विवेदी में से किसी एक को मंत्री का ओहदा मिलने की चर्चाएं भी तेज हैं। कौशांबी सांसद विनोद सोनकर, महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा और राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा के नाम भी संभावित सूची में शामिल हैं।
रास्ते में घात लगाकर बैठा मौलाना ने नाबालिग के साथ किया ऐसा
केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद के नाम की भी चर्चा है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश ब्राह्मण वोटबैंक को साधने के लिहाज से उनको कैबिनेट में शामिल करने को लेकर बीजेपी फैसला ले सकती है। वहीं गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला के अलावा रामशंकर कठेरिया और सत्यपाल सिंह केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं।