…तो अधिशाासी अभियन्ता अपने राजदार जेई से मिलकर खेलेंगे करोड़ों का खेल
दो सौ करोड़ रूपये देखकर डोलने लगा जिम्मेदारों का ईमान
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। शासन से विकास के लिये 10, 20, 50 नहीं, बल्कि पूरे दो करोड़ रूपये विभाग में आये है। इन दो करोड़ रूपयो को देखकर सभी विकास करवाना तो भूल रहे है। सबकी एक ही नियत है कि इस भारी भरकम धनराशि ज्यादा से ज्यादा धनराशि अपनी अपनी जेबो में कैसे किया जाय, इसलिये ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के अधिशासी अभियन्ता ज्ञानेन्द्र कुमार ने अपने राजदार जेई सहित अन्य अधिकारियों से मिलकर बंदरबांट योजना बनाने लगे हैं, सुना है। इस दो सौ करोड़ रूपयो के लिये घेाटालेबाजों की चेन फिर से मजबूत होने लगी है।
श्री कुमार को समझाया जा रहा है कि अगर 5 प्रतिशत आपका कमीशन डेण्डर पास करवाई ही मान लिया जाय तब भी दस करोड़ रूपये का लम्बा चौड़ा लिफाफा आपकी जेब में आयेगा। इसके अलावा जेई से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारी भी अपना अपना कमीशन उक्त दो सौ करोड़ रूपये की धनराशि में फिट करने लगे हैं। कायदे में इस भारी भरकम राशि से केवल सड़को का की मरम्मत व निर्माण होना है, क्योंकि सीएम योगी का सख्त आदेश है कि सड़क पर गड्ढे नहीं होने चाहिए हर सड़क की मरम्मत कर उसको बेहतर किया जाये। इसी मद में योगी सरकार ने ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग सीतापुर को दो सौ करोड़ रूपये भेजे है।
सड़कों को गढढा मुक्त करने का काम भी शुरू हो चुका है लेकिन कार्य में गुणवत्ता नहीं, बल्कि केवल फारमेल्टी है। आलम यह है कि एक तरफ गढढा भरा जाता है तो दूसरी तरफ बजड़ी उकत रही है। गड्ढों पर चकतीकरण का कार्य भी विभाग ईमानदारी से नही कर रहा है। अगर शासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कार्य कागजों पर तो होगा लेकिन जिले की सड़के गड्ढों से मुक्त नहीं हो पायेगी, क्योंकि सोशल मीडिया पर अभी से ही वीडियो वायरल होने लगे है कि एक बनते ही उकतने लगी है जो कार्य इस समय हो रहा है, उससे तो सड़के एक महीने भी नहीं टिक पायेंगे और अपनी पुरानी हालत में आ जायेगी। जब केवल 10—10 करोड़ रूपये का कमीशन केवल श्री कुमार का ही बन रहा है तो जेई, टीए व अन्य भी अधिकारी हे जो कमीशन की आश लगाये बैठे हैं।
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