तीन मुट्ठी अनाज में मित्र सुदामा को भगवान कृष्ण ने दे दिया था तीनों लोक: स्वात्मानन्द
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जनपद के अटौरा बुजुर्ग में चल रही भागवत कथा का आज अंतिम दिन था जिसमें स्वामी स्वात्मानंद ने राजा नृग की कथा और सुदामा चरित्र का उल्लेख श्रद्धालुओं के सामने किया।
स्वामी स्वात्मानंद ने उपस्थित श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा सुनाते हुए बताया कि उज्जैन के गुरुकुल में दोनों ही मित्रों की मित्रता हुई और जो इतिहास में आज भी सच्ची मित्रता के रूप में अंकित है। स्वामी स्वात्मानंद ने भगवत गीता की इस मित्रता की कथा में बताया कि जब भगवान कृष्ण से मिलने सुदामा उनके महल पहुंचे तो अपने साथ जो अनाज लेकर गए थे, उसे भगवान श्री कृष्ण ने तीन मुट्ठी में लिया और सुदामा को तीनो लोग दे दिया जब चौथा लोग यानी कि वैकुंठ लोक देना चाहा तो रुकमणी ने उन्हें रोक लिया और कहा कि मित्रता में इतने न भाव विभोर हो जाइए कि अपना घर तक दे दीजिए। श्री फाउंडेशन के चेयरमैन मनोज द्विवेदी द्वारा आयोजित इस भगवत गीता कथा में आने वाले सोमवार को विशाल हवन का आयोजन करवाया जाएगा। साथ ही प्रसाद का वितरण करवाया जाएगा।
श्री फाउंडेशन एक स्वयंसेवी संस्था है जिसके चेयरमैन मनोज द्विवेदी का एक सामाजिक इतिहास है। वह गरीब कन्याओं की शादी का एक बड़ा आयोजन हर वर्ष करवाते हैं। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को सम्मानित करते हैं, ताकि उनका उत्साहवर्धन श्री फाउंडेशन के तत्वाधान में कई चिकित्सा शिविर का भी आयोजन करवाया जा चुका है। उसी को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक दृष्टि से लोगों के संतों के संगत में आकर समाज में एक सकारात्मक विचारधारा का प्रवाह हो, इसके लिए श्री फाउंडेशन ने धार्मिक आयोजन भी करवाने शुरू किये।
सामाजिक, आर्थिक व नैतिक रूप से कमजोर लोगों को मजबूत बनाना है: मनोज
फाउंडेशन के चेयरमैन मनोज द्विवेदी का कहना है कि फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और नैतिक रूप से कमजोर लोगों को मजबूत बनाना है। साथ ही स्वास्थ्य और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सहारा देना है।
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