छात्र अपनी इच्छाशक्ति दृढ़ता से जगायेःं अयोध्या
ललितपुर में मत्स्य महाविद्यालय कि स्थापना के लिये प्रयासरत: कुलपति
रूपा गोयल
बांदा। सभी जीवों में मनुष्य ही बुद्वजीवी है, इसलिये उचित अनुचित का निर्णय कर सकता है। भारत वर्ष के लगभग 65 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र भी कृषि प्रधान बन सके जिससे इस क्षेत्र से पिछडा होने का दाग खत्म हो जाये, इसके लिये हम सभी को प्रयास करना हेगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र पिछडा क्षेत्र है। इस हीन—भवना को भी त्यागना होगा। व्यक्ति के अन्दर की प्रेरणा ही आगे बढाती है। इसे हमें भली—भाति समझता होगा। यहां अध्यनरत छात्र अपनी इच्छा शक्ति से दृढ निश्चय करें कि उन्हें समाज ओर देश के लिये कुछ अच्छा करना है। छात्र अनुशासासित प्रेरणा को अपने अन्दर लाये जिससे उन्हें किसी और से प्रेरणा की आवश्यकता न पडे। हमने प्रदर्शनी में यह देखा कि अलसी में सुर्ख गुलाबी रंग का पुष्प आया है जो बहुत मनमोहक हैं।
विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की सभी को शुभकामनायें। ऐसे उत्सव में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को भी आमत्रित किये जाने हेतु मैं विश्वविद्यालय के कुलपति को सलाह देता हूं। यह वक्तव्य बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बाँदा के 14वें स्थापना दिवस पर बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के अध्यक्ष अयोध्या सिंह पटेल ने बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रदेश के मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0 सूर्य प्रताप शाही का आगमन होगा। साथ ही विश्वविद्यालय में स्थापित कई ईकाईयो का उद्घाटन किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि दलहन बुन्देलखण्ड कि विरासत है। महोबा में दलहन केन्द्र था परन्तु अब नहीं है। इसके दृष्टिगत विश्वविद्यालय में शोध को पुनः परिभाषित किया गया। वर्तमान में विश्वविद्यालय में चार महाविद्यालय संचालित है। अगले वर्ष से 3 और महाविद्यालय पशुपालन एवं पशुचिकित्सा, कृषि अभियत्रिकी व खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर अध्ययन शुरू करने का प्रस्ताव है। ललितपुर जिले में वहां की भौगौलिक स्थिति व संसाधन को देखते हुये एक मत्स्य महाविद्यालय स्थापित करने हेतु शासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में लगभग 1250 छात्र—छात्राएं अध्ययरत है। विश्वविद्यालय में कई तकनिकी के मॉडल विकसित किये गये है जिससे किसान लाभान्वित हे रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक एवं परास्नातक पाठयक्रमों की पुनः प्रत्यायन हेतु भा0कृ0अनु0परि0 नई दिल्ली कि पी0आर0टी0 टीम ने भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट सौपी है। यह विश्वविद्यालय शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में सीमित संसाधनों में भी प्रगति कर रहा है। विश्वविद्यालय में यहां के प्राध्यापकों के लिये आवास की कमी थी जिसे वर्तमान सरकार ने पूरा किया है और 3-3 यूनिट टाईप-4 एवं टाईप-3 निर्माणाधीन है।
कुलपति ने यह भी कहा कि छात्रो के लिये छात्रावास कि भी कमी है, इसके लिये शासन स्तर पर हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक, उपकार लखनऊ डा0 संजय सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा ओर शोध में प्रदेश में अग्ररणी हैं। उपकार लखनऊ इसके प्रगति में हर सम्भव प्रयास करता रहेगा। इस विश्वविद्यालय को एक छात्रावास दिलवाने हेतु मै व्यक्तिगत तौर में प्रयास करूंगा। विश्वविद्यालय के 14वें स्थापना दिवस पर अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 एस0 के0 सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक व निदेशक पी0एम0ई0सी0 डा0 ए0के0 श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डा0 धीरज मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी व छात्र-छात्राये उपस्थित रहे।
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