पीएनबी बैंक मैनेजर हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा, छह गिरफ्तार
वाराणसी, (पीएमए)। वाराणसी के करखियांव स्थित पीएनबी शाखा प्रबंधक की गोली मारकर हत्या और लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। शाखा प्रबंधक फूलचंद राम की हत्या चलती गाड़ी में लूट का विरोध करने पर की गई थी। हत्याकांड में शामिल दो गैंग के 11 बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के लिए बैंक प्रबंधक को सीएसआर फंड ट्रांजेक्शन के नाम पर पैसे को दोगुना करने का लालच दिया था।
एडीजी बृजभूषण ने रविवार को इस घटना का खुलासा किया और इसमें शामिल टीम को एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की। उधर, इस मामले में करखियांव शाखा के कैशियर को निलंबित कर दिया गया। वारदात में शामिल छह बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं और मुख्य आरोपी सहित पांच फरार हैं।
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एडीजी जोन बृजभूषण ने बताया कि पीएनबी के शाखा प्रबंधक फूलचंद राम को वारदात में शामिल गैंग के सदस्यों ने एक कंपनी के सीएसआर फंड ट्रांजेक्शन के नाम पर रकम दोगुना करने का लालच दिया था।
नौ जून को बैंक प्रबंधक ने मड़ियाहू ब्रांच से बिना वाउचर 41 लाख रुपये निकाले और करखियांव स्थित अपने ब्रांच से कैशियर को अरदब में लेकर छह लाख रुपये ले लिए। किराए पर बुलाई गाड़ी से बैंक प्रबंधक गैंग के सदस्यों से मिले और एक ही गाड़ी में सवार होकर पैसा निवेश करने वाले व्यक्ति से मिलने रवाना हुए।
रास्ते में बदमाशों ने कैश लूटने का प्रयास किया तो शाखा प्रबंधक ने विरोध किया और इसी छीनाछपटी में पीछे बैठे एक बदमाश ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद 20 लाख रुपये कैश से भरा एक बैग लेकर बदमाश उतर गए और पीछे आ रही अपनी स्कार्पियो से जौनपुर की ओर फरार हो गए। वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को 27 लाख रुपये से भरा बैग प्रबंधक के स्कार्पियों में मिला था।
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इन्हें किया गया गिरफ्तार
इस वारदात में शामिल लहरतारा निवासी शिवा श्रीवास्तव, मुकेश पाल निवासी बलिरामपुर बड़ागांव, रमईपुर पिंडरा निवासी अतुल सिंह व अतुल विश्वकर्मा, फूलपुर निवासी चालक संजय पटेल और सुनील पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का मुख्य सरगना आजमगढ़ निवासी आलोक राय सहित पांच बदमाशों की तलाश जारी है।
जब 50 लाख लूटने की थी योजना तो 27 लाख छोड़कर क्यों भागे बदमाश
पुलिस ने बैंक प्रबंधक हत्याकांड का खुलासा तो कर दिया लेकिन यह किसी के गले नहीं उतर रहा है कि जब बदमाश लूट की नीयत से ही हत्या की तो 27 लाख रुपये से भरा दूसरा थैला क्यों छोड़ कर भागे। क्यों सिर्फ 20 लाख ही लेकर भागे। पुलिस की कहानी में झोल इसलिए भी है कि गिरोह के सभी सदस्यों की कई बार होटलों में बैठक हुई।
ऐसे में आजमगढ़ निवासी आलोक राय के साथ रहने वाले चार युवक भी बैठक में हिस्सा लेते रहे। पुलिस के अनुसार हत्या के बाद सभी भाग निकले। मगर, पकड़े गए अतुल सिंह, मुकेश पाल, सुनील और संजय को उन चारों का नाम व पता मालूम नहीं।
सीएसआर फंड में चल रहा है घालमेल
पिछले कुछ सालों से बैंक और कंपनियों के बीच में सीएसआर फंड को लेकर खूब घालमेल चल रहा है। सीएसआर फंड की धनराशि संस्था को दिलाने के नाम पर खूब कमीशनबाजी चल रही है। कमीशन को आपस में आधा-आधा बांटने को लेकर तमाम तरह के समझौते होते रहते हैं। जिसका शिकार बैंक प्रबंधक भी हुए।