स्कूल फीस न भरने से विद्यालय संचालक ने छात्रा को पढ़ाने से किया इनकार
चन्द रूपये की खातिर संचालक ने छात्रा के भविष्य को रखा दांव पर
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। शिक्षा व्यवस्था का गुणगान करने वाले शिक्षा मंत्री आए दिन सरकारी व प्राइवेट विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए नए नए नियम कायदे लागू करते है और उनका उपयोग कर बच्चों की भविष्य संवारने की बात करते है लेकिन जब शिक्षा के नाम पर लूट घूस कर व्यवसाय करने वाले प्राइवेट स्कूल के संचालक ने पिता के आर्थिक स्थिति सही न होने पर बच्ची के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ कर दिया। शिक्षा मंत्री द्वारा लागू तमाम नियम कायदे एक हास्य प्रतीत हो रहे हैं। शिक्षा देने के नाम पर निजी विद्यालय संस्थान व उन्ही की आंड में खुले तमाम अवैध संचालित विद्यालय जोकि शिक्षा के नाम पर मोटी कमाई कर अभिभावकों की जेब ढीली करने में कोई कोर कसर नही छोड़ते हैं।
पूरा मामला तहसील क्षेत्र में संचालित अकोढिया पब्लिक स्कूल के नाम से संचालित एक निजी विद्यालय का है जहां विद्यालय के संचालक ने कक्षा 3 की छात्रा के पिता द्वारा स्कूल फीस न भर पाने के कारण छात्रा को विद्यालय से बहाल कर दिया और स्कूल में पढ़ाने को मना कर दिया था। बच्ची के भविष्य को संवारने के लिए पिता ने अन्य विद्यालय में पुत्री का एडमिशन कराना चाहा किंतु शिक्षा विभाग के कलमकारो द्वारा बनाए गए नियम कायदों के बीच बनी बाग डोर से अन्य विद्यालय के प्रबंधक ने भी छात्रा का एडमिशन लेने से इंकार कर दिया जिसकी शिकायत छात्रा के पिता ने विद्यालय के संचालक के विरुद्ध शिकायती पत्र देते हुए कार्यवाही की मांग की है।
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