गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। योगी सरकार के सख्त निर्देशों के बाद भी पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पीड़ितों की फरियाद सुनने के बजाय उनको थाने से भगाना एक आम बात बन चुकी है। फतेहपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़ितों को पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बन सामने है। लोंहजर गांव निवासी अनिता पत्नी दिनेश चंद। पीड़िता ने बताया कि उसकी बेटी अंजू का विवाह 3 साल पहले फतेहपुर थाना क्षेत्र के भदनेवा निवासी प्यारे लाल के बेटे रितेश के साथ हुआ था। विगत 16 मई को अंजू अपने भाई जितेन्द्र के साथ अपनी ससुराल गई थी जहां से उसको गायब कर दिया गया है। किसी अनहोनी की आशंका से जब हम लोग रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो हमें थाने से चलता कर दिया गया। 3 दिनों तक धक्के खाने के बाद जब हम लोग कप्तान से मिले तो मुकदमा दर्ज किया गया परंतु कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। पति, सास ससुर व नन्द और ननदोई के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। बेटी की बरामदगी के लिए हम लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया है जो कार्यवाही होने तक चलता रहेगा।
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