अंकित सक्सेना
बदायूं। शहर में मीराजी चौकी इलाके सदर कोतवाली के मोहल्ला बजरंग नगर में शुक्रवार दोपहर एक युवक पानी की टंकी पर चढ़ गया। इससे मोहल्ले में अफरातफरी मच गई। सूचना पर पहुंचे एसडीएम सदर और पुलिस ने उसे नीचे उतारने की काफी कोशिश की, लेकिन युवक नीचे नहीं आया। करीब तीन घंटे तक टंकी पर हाईटेक ड्रामा करता रहा। बाद में काफी समझाने पर उसे नीचे उतारा जा सका। पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। मां ने उसे मानसिक मंदित बताया है। इससे पुलिस ने उसे उसके मां के हवाले कर दिया है।
युवक शिवकांत लखीमपुर जिले में कस्बा व थाना खीरी के मोहल्ला बुखारी टोला निवासी है। उसकी मां जयदेवी के मुताबिक शिवकांत मानसिक मंदित है। जयदेवी अब से नौ दिन पूर्व अपने पति के साथ शिवकांत को लेकर कोतवाली इलाके में बड़ी ज्यारत (बड़े सरकार) आई थीं। उन्हें बताया गया था कि बड़ी ज्यारत में 11 दिन हाजिरी लगानी होगी, तब शिवकांत पर कुछ प्रभाव पड़ेगा। तब से तीनों लोग बड़ी ज्यारत में ही रुके थे। शुक्रवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शिवकांत अपने मां-बाप को चकमा देकर निकल गया। वह घूमते हुए बजरंग मोहल्ले में पहुंच गया और पानी की टंकी पर चढ़ गया।
बताते हैं कि जब युवक टंकी के ऊपर चढ़ रहा था। तभी कुछ लोगों ने उसे ऊपर चढ़ने से रोका था और उसे उतारने की कोशिश की थी लेकिन युवक ऊपर से कूदने की धमकी देने लगा तो मोहल्ले के लोग डर गए। उन्होंने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचना दी। जिस पर एसआई हरसिंह पाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने युवक को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। इसकी सूचना पर एसडीएम पारसनाथ मौर्य भी पहुंच गए।
उन्होंने भी युवक को उतारने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। उसकी जिद देखकर त्रिपाल का इंतजाम किया गया। उसे नीचे उतारने के लिए त्रिपाल फैलाया जा रहा था, तभी युवक नीचे की ओर आने लगा। इस पर त्रिपाल हटवा दिया गया। काफी समझाने पर उसे दोपहर ढाई-तीन बजे नीचे उतारा गया। उसके बाद पुलिस उसे कोतवाली ले गई। जहां पूछताछ के बाद उसकी मां को कोतवाली बुलवा लिया गया। फिर उसे मां की सुपुर्दगी में सौंप दिया गया।
युवक बोला मैं हूं परेशान, चिंता में घट गया वजन पानी की टंकी से उतारे गए युवक ने अपनी कई समस्याएं बताईं। पहले तो वह पुलिस को कुछ बताने के लिए तैयार नहीं हुआ। जब एसडीएम ने कहा कि वह एसडीएम हैं और समस्याओं का समाधान करना ही उनका काम है। तब कहीं उसने बताया कि वह तीन भाई हैं। एक भाई दिव्यांग हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। एक बहन की शादी करनी है। कई घरेलू समस्याएं हैं। इस चिंता में उसका 10 किलो वजन घट गया है। कभी उसका वजन 70 किलो होता था। अब 60 किलो रह गया है।
युवक अपने मां-बाप के साथ बड़ी ज्यारत आया था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। उसे काफी समझाबुझाकर नीचे उतारा गया। उस समय वह कुछ भी कर सकता था। प्यार से उससे पूछा गया, तब वह नीचे आया और घरेलू समस्याएं बताई। युवक को बिना किसी कार्रवाई के उसके मां-बाप के हवाले कर दिया गया है।