मात्र ढाई घण्टे में पूरी हो रहीं यात्रा, अब समय की होगी भारी बचत
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रास्ते यात्रियों के लिए कम समय में लखनऊ की यात्रा पूरी की जा सकती है। एक साइड से 3 लेन बनकर तैयार है। दूसरी साइड से भी 3 लेन बनकर आवाध गति से चल रहा है जिसमें 80 किलोमीटर की रफ्तार के साथ 100 किलोमीटर की रफ्तार गति सीमा दी गई है।
इसके अलावा ओवरटेक का सिस्टम भी मौजूद है। जगह-जगह पर नीचे उतरने के लिए कई तरह के संकेत एवं मीटर किलोमीटर लगे हुए हैं। इस एक्सप्रेस वे पर बार-बार यह हिदायत दी गई है कि गति सीमा का पूर्ण रुप से पालन करें। जो लोग अभी पहली बार इस एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने के लिए सोच रहे हैं, उनके लिए जरूरी है कि वह अपनी गाड़ी की पूरी तरह से जांच पड़ताल करने के साथ हवा, पानी, तेल पूरा करने के बाद जरूरत के खाद्य, पदार्थ के सामान साथ जरूरत के हिसाब से अपने सामान भी लेकर एक्सप्रेस वे की यात्रा पर तैयार हो जाय। अगर आप तेज गति में चल रहे हैं तो कतई शीशा खोलने का प्रयास न करें। बीच रास्ते में किसी भी संभावित दुर्घटना से बचने का पूरा प्रयास करें। बीच-बीच में थोड़ा-बहुत विश्राम स्थल की व्यवस्था तो दी गई है लेकिन विश्राम से और भी ज्यादा जरूरत के सामानों की भी आवश्यकता अभी भी पूरी नहीं की गई है।
टूल टैक्स की व्यवस्था 1 मई से लगभग शुरू तो कर ली गई है लेकिन जरूरत के हिसाब से अभी बहुत सी खामियां भी देखने को मिल रही है जो धीरे-धीरे सब सुधर जाएगा। राज्य सरकार ने परिवहन निगम की बसों को भी इस रोड पर चलने की अनुमति तो दे दी है जिससे इस रोड पर आम आदमी भी अपनी यात्रा सुगम ढंग से कर सकें लेकिन उसमें भी सरकार को कई नैतिक जिम्मेदारियों का भी पूर्ण रूप से पालन करने की आवश्यकता है। प्राइवेट वाहनों से लोग आजमगढ़ से लखनऊ के लिए 2 घंटा 30 मिनट में यात्रा तो पूरी कर ले रहे हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ इस रोड पर सुधार की भी आवश्यकता है। जो लोग इस रूट से यात्रा करके वापस अपने घर को आ गए हैं, उनका मानना यह है कि इस रोड से चलने के बाद ऐसा लगता है कि हम लोग लखनऊ नहीं, बल्कि आजमगढ़ शहर की यात्रा करके अपने घर सुरक्षित वापस आ गए हैं। पहले लोग लखनऊ 1 दिन पहले शाहगंज रेलवे स्टेशन पर से ट्रेन पकड़कर दूसरे दिन लखनऊ पहुंचे थे। इसके अलावा रोडवेज की बस पकड़ कर दूसरे दिन लखनऊ पहुंचत थे और अपने सारे काम निपटा कर शाम को फिर बस पर बैठे जाते थे और सुबह अपने क्षेत्र में पहुंच जाते थे लेकिन ऐसे में बहुत से लोगों के अंदर यह उत्सुकता बनी हुई है कि अरे ढाई घंटे में लखनऊ पहुंच जा रहे हैं। यह कैसे संभव हुआ तो अगर उनको देखना है तो वह भी एक्सप्रेस वे की यात्रा करें और लखनऊ चंद घंटे में पहुंचकर एक्सप्रेसव की आभा का दर्शन करें।
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