हनीप्रीत बनीं डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम की अटेंडेंट | #TejasToday
रोहतक (पीएमए)। मेदांत में भर्ती डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम के लिए 15 जून तक उनकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत भी अटेंडेंट बनी हैं। जानकारी के अनुसार अस्पताल की तरफ से 3 अन्य परिजनों के अटेंडेंट कार्ड बनाये गये हैं। अभी तक यह तो तय है कि बाबा 15 जून तक अस्पताल में रहेंगे, रविवार को भी परिजनों के साथ-साथ हनीप्रीत ने बाबा से मुलाकात की थी।
करीब 4 साल के बाद बाबा एक दिन से अधिक समय के लिए जेल से बाहर निकले हैं। कोरोना पॉजिटिव होने के चलते माना जा रहा है कि बाबा राम रहीम मेदांता में कोविड प्रोटोकोल के अनुसार निर्धारित अवधि तक रहेंगे। माना जा रहा है कि पेट के इलाज में अधिक समय लग सकता है।
वहीं बाबा के जेल से अस्पताल जाने से जेल स्टाफ और कैदियों ने राहत की सांस ली है क्योंकि जेल में बाबा की सुरक्षा इतनी कड़ी है कि कथित तौर पर सभी को दिक्कतें पेश आती हैं।
कैदी नंबर 8647 बाबा राम रहीम को रोहतक जेल में 5 लेयर की सुरक्षा
यौन शोषण के मामले में सुनारियां जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी नंबर 8647 बाबा राम रहीम को इतनी सुरक्षा दी गई, जोकि प्रदेश के आज तक के इतिहास में जेल में रहते किसी नेता व कैदी को नहीं दी गई थी।
बाबा राम रहीम को अलग ऐसी बैरक में रखा गया है, जिसकी 5 लेयर तो सुरक्षा हर समय रहती है। सुरक्षा ऐसी की करीब 50 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। हर रोज ड्यूटी में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों की भी तबदीली होती और ड्यूटी वाले दिन ही सुरक्षा कर्मी को पता चलता है कि आज बाबा की बैरक में ड्यूटी होगी। जेल में सुरक्षा की कमान खुद जेल अधीक्षक सुनील सांगवान संभालते हैं और निगरानी के लिए 3 डीएसपी लगाये हैं।
25 अगस्त, 2017 में साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में बाबा राम रहीम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा सुननेे के बाद पंचकूला में जमकर बवाल हुआ था। बाद में सरकार ने बाबा राम रहीम को रोहतक जेल भेजने का निर्णय लिया था और तभी से बाबा सुनारियां स्थित जेल में बंद हैं। शुरुआत में तो जेल से 3 से 5 किलोमीटर तक पुलिस का कड़ा पहरा रहा, इससे अधिक निगरानी जेल के अंदर है। जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने बाबा की सुरक्षा को देखते हुए करीब पचास ऐसे सुरक्षाकर्मियों को शामिल किया, जोकि बेहद ही विश्वासपात्र हैं। नाश्ते से लेकर रात के खाने की हर स्तर पर जांच के बाद सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में खाना बैरक में पहुंचता है। यहां तक कि अधिकारियों की निगरानी में ही बाबा खाना खाते हैं। सुरक्षार्मियों के अलावा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी भी रहती है।
जेल अधिकारियों व कैदियों को राहत!
यह बात तो तय है कि इन जेल अधिकारियों व कैदियों को बाबा के अस्पताल जाने से काफी राहत मिली है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते जब भी बाबा वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये पेशी व परिजनों ने फोन करने के लिए बैरक से बाहर आते तो अन्य कैदियों को बैरक में भेज दिया जाता था, जिसको लेकर कैदियों ने शिकायत भी की थी। वरिष्ठ अधिकारी भी मानते हैं कि आज तक प्रदेश के इतिहास में कभी भी किसी कैदी को इतनी सुरक्षा में नहीं रखा गया था। आपातकाल के दौरान रोहतक जेल में लाल कृष्ण आडवाणी तक रहे हैं।
बाबा के खाते में हर माह 6 हजार
सुनारियां जेल में बंद बाबा राम रहीम को हर माह 6 हजार रुपये परिजनों द्वारा खाते में भेजे जाते हैं। इन रुपयों से बाबा फल अधिक खरीदते है और कुछ अन्य खाने का सामान जेल स्थित कैंटीन से लेते हैैं। जेल में बाबा पर ड्रेस कोड लागू है और वह कैदियों वाले ही कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा बाबा को जेल प्रशासन से भी मेहनताना मिलता है। बाबा को जेल में माली का काम दिया गया है।