जिन्दा महिला का जारी कर दिया गया मृत्यु प्रमाण पत्र
जिन्दा महिला का जारी कर दिया गया मृत्यु प्रमाण पत्र
अंकित सक्सेना
बदायूं। एक जिंदा महिला का ब्लाक स्तर से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। महिला अब खुद को जीवित साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। खंड विकास अधिकारी विजयंत सिंह का कहना है कि मामले में जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे। महिला ने बीडीओ समेत जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत करते हुए उसे जीवित घोषित करने की मांग की है। जिंदा महिला को सरकारी रिकार्ड में मृत दर्शाने का मामला सालारपुर ब्लाक के गांव हुसैनपुर करौतिया का है। गांव के शाहबुद्दीन की पत्नी बख्तरी बेगम जीवित हैं लेकिन करीब 12 साल पहले 2010 में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस बारे में शाहबुद्दीन और अख्तरी बेगम को भनक तक नहीं लगी।
पकड़ी गयी फर्जी दुष्कर्म पीड़िता
झूठी शिकायत कर लोगों से ऐंठ लेते थी रुपये, गढ़ती थी ऐसी-ऐसी कहानियां। दिल्ली की द्वारका साउथ थाना पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है जो अपने साथियों के साथ मिलकर दुष्कर्म की झूठी शिकायत कर लोगों से उगाही करती थी। सीडीओ समेत अन्य अधिकारियों से की गई शिकायत में अख्तरी बेगम ने कहा है कि उनकी करीब 48 बीघा जमीन पर एक व्यक्ति ने कब्जा करना शुरू कर दिया। जब उन्होंने विरोध किया तो पता लगा कि सरकारी रिकार्ड में तो उनकी मृत्यु 12 साल पहले हो चुकी है। उनकी जमीन पर बैंक से ऋण भी किया जा चुका है। जमीन पर कब्जा करने वाला व्यक्ति खुद को उनका वारिस साबित कर रहा है जबकि उनको उस व्यक्ति से कोई संबंध भी नहीं है। ब्लाक स्तर के अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने के बाद अख्तरी बेगम ने अब सीडीओ से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। अख्तरी बेगम का कहना है कि उनको सरकारी रिकार्ड में मृत घोषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराएंगी।
प्रमाण पत्र जारी करने वाले के खिलाफ कार्यवाही होगीः बीडीओ
इस बाबत पूछे जाने पर विजयंत सिंह खण्ड विकास अधिकारी सालारपुर ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। महिला के नाम किसकी गलती से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले में जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है। एक मामला सामने आया है। मामले को सही तरीके से जान समझकर आप भी बोलेंगे कि वाकई आरोपियों में कानून का कोई खौफ नहीं बचा है।