अमर सिंह बने अतर्रा अधिवक्ता संघ के निर्विरोध अध्यक्ष
13वीं बार बने संघ के अध्यक्ष
रूपा गोयल
अतर्रा/बांदा। अधिवक्ता संघ में 38 अधिवक्ताओं के मतदाता सूची से काटे गए नाम पर हुए विवाद व गुटबाजी के चलते संघ में हो रहे दो-दो चुनाव में एक गुट के नामांकन वापसी के दिन जहां अध्यक्ष पद पर मनोज द्विवेदी व लवकुश गुप्ता के नाम वापस करने पर अमर सिंह राठौड़ 13वीं बार निर्विरोध अध्यक्ष का ताज पहनने में सफल रहे वही महासचिव पद पर राजेंद्र जाटव सहित विभिन्न पदों पर भी निर्विरोध प्रत्याशी जीत गए वहीं दूसरे गुट में अभी 29 फरवरी को मतदान है जिसमें अध्यक्ष व महासचिव मैं मुकाबला कई प्रत्याशी होने पर होना है। अधिवक्ताओं में विवाद के चलते चुनावी सर गर्मी फीकी दिख रही है प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान भी सुस्त पड़ा हुआ है।
38 अधिवक्ताओं को मतदाता सूची से हटाए जाने को लेकर अधिवक्ताओं में आपस में गुटबाजी हो गई विवाद के चलते अधिवक्ता दो खेमे में बंट गए और एक संघ लेकिन दो चुनाव दो निर्वाचन अधिकारी तय हो गए एक और जहां निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम पांडे ने नामांकन प्रक्रिया को संपन्न करा कर 29 फरवरी को मतदान की तारीख तय कर रखी है जिसमें महासचिव पद पर तीन प्रत्याशी विपिन कुमार मिश्रा नरेंद्र गुप्ता अनपत सैनी के होने से त्रिकोणीय मुकाबला है वही अध्यक्ष पद पर वीरेंद्र पांडे व पूर्व अध्यक्ष नंदकिशोर कुशवाहा दो प्रत्याशी होने पर आमने-सामने सीधा मुकाबला दिख रहा है अन्य प्रत्याशी निर्विरोध हो चुके हैं लेकिन चुनावी सर गर्मी विवाद के चलते ठंड दिख रही है प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में भी पूरी तरह सुस्त हैं वही दूसरे गुट में निर्वाचन अधिकारी लखन मिश्रा ने गुरुवार को अध्यक्ष पद पर दाखिल पर्चा मनोज द्विवेदी व लवकुश गुप्ता के वापस लेने पर अमर सिंह राठौड़ के 13 वीं बार निर्विरोध जीत का सहारा पहनने में सफल रहे वही महासचिव भी राजेंद्र जाटव व वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर संतोष कुमार गुप्ता कनिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता कोषाध्यक्ष अर्जुन प्रकाश गुप्ता संयुक्त सचिव प्रशासन विकास सिंह संयुक्त सचिव प्रशासन राघवेंद्र गुप्ता संयुक्त सचिव पुस्तकालय रजनी से एडवोकेट वरिष्ठ सदस्य अमर बाबू सचदेवा कनिष्ठ सदस्य महेश सिंह कुशवाहा निर्विरोध हो गए निर्वाचन अधिकारी श्री मिश्रा ने सभी को निर्विरोध विजय घोषित किया निर्विरोध होने पर एक गुटका जहां 27 फरवरी को मतदान था अब मतदान नहीं होगा वहीं दूसरे गुट में अभी 29 फरवरी को मतदान की तारीख तय है हालांकि उत्तर प्रदेश बर काउंसिल के निर्देश व ईल्डर कमेटी चेयरमैन विनोद तिवारी द्वारा एक माह तक चुनाव रोके जाने के निर्देश के बाद अधिवक्ताओं की चुनाव में कोई रुचि नहीं दिख रही है एक और जहां प्रत्याशी जनसंपर्क में कोई रुचि नहीं दिखा रहे वही आम अधिवक्ता भी चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं।
उत्तर प्रदेश बर काउंसिल ने निर्वाचन अधिकारी को किया तलब
अतर्रा/बांदा। 38 अधिवक्ताओं का नाम अप्रवासी के नाम पर मतदाता सूची से कटे जाने के बाद अधिवक्ताओं में हुए विवाद में अब मामला और आगे बढ़ता जा रहा है अब अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश बर काउंसिल का दरवाजा खटखटाया है जिसमें बर काउंसिल के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश बर काउंसिल के आदेश की अवहेलना करने पर निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम पांडे ईल्डर कमेटी चेयरमैन विनोद तिवारी व पूर्व महासचिव नरेंद्र शुक्ला को नोटिस भेज कर 23 फरवरी को तलब किया है। बर काउंसिल द्वारा नोटिस जारी होने पर अधिवक्ताओं में चर्चाओं का दौड़ हुआ शुरू। मतदाता सूची से अधिवक्ताओं का नाम काटने पर अधिवक्ता अमर सिंह राठौड़ द्वारा गैर वैधानिक तरीके से नाम काटने पर 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश बर काउंसिल का एक आदेश निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम पांडे के नाम लाया गया जिसमें महासचिव बृजमोहन सिंह राठौड़ द्वारा जारी 174 अधिवक्ताओं वाली सभी सी ओ पी कार्ड धारको को मतदाता सूची में शामिल कर सदस्य सचिव अकज मिश्रा द्वारा चुनाव कराई जारी की निर्देश दिए गए थे लेकिन आदेश का अनुपालन न होने पर पूर्व महासचिव मनोज द्विवेदी द्वारा उत्तर प्रदेश बर काउंसिल में 21 फरवरी को पत्र देकर स्थानीय चुनाव में श्री पांडे द्वारा बर काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के प्रेषित आदेश की लगातार अवहेलना व मतदाता सूची में अनियमित की शिकायत की गई जिसमें प्रदेश काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष शिव किशोर सिंह गौड़ ने प्रकरण की सुनवाई के लिए पूर्व उपाध्यक्ष सदस्य सचिव प्रदीप कुमार सिंह को अधिकृत किया जिस पर श्री सिंह ने 22 फरवरी को नोटिस जारी करते हुए निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम पांडे एल्डर कमेटी चेयरमैन विनोद तिवारी पूर्व सचिव नरेंद्र शुक्ला को 23 फरवरी को प्रदेश कार्यालय में उक्त प्रकरण से संबंधित समस्त अभिलेख व रिकॉर्ड को लेकर तलब किया है नोटिस जारी होने पर जहां अधिवक्ताओं में तरह-तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं एक और जहां अधिवक्ताओं का कहना है की उत्तर प्रदेश बर काउंसिल के आदेश को ठेंगा पर रखकर चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया संपन्न कराई गई जिस पर हो सकता है चुनाव रद्द कर दिया जाए दूसरी तरफ दोनों चुनाव को लेकर अधिवक्ताओं में तरह-तरह के संशय बने हुए हैं उत्तर प्रदेश बर काउंसिल की उक्त नोटिस को देते हुए अमर सिंह राठौड़ ने बताया की 23 फरवरी को उक्त प्रकरण में सब लोग तलब किए गए हैं।
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