वोटवा कै दिन करिबायल
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
केहू के दबाव में तू वोटवा न डाला,
कितनों पियावे तू हैं भरी-भरी प्याला।
सइयाँ बदला तू आपन नजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
नदियों बहल खून मिलल तब आजादी,
घोंटाला में देशवा ई कहाँ जात दादी?
बिनु जल तड़पे मछरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
चहुँ और फ़इलल देखा कितनी बेकारी,
केहू न चलावे पावे सुख पे कटारी।
पेड़वा से बोले कोइलरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
बढ़ल महंगाई कइलस दाँतवा ऊ खट्टा,
कितने कारोबारिन कै बइठ गयल भट्ठा।
दिनवे में उतरल अन्हरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
चरित्रवान चुना नेता अपनी जिम्मेदारी,
करी नाहीं खुद तब ऊ कालाबाजारी।
समझै में बीतल ई उमरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
आजकल गरम बा बजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
सुना कुछ कहत बा गुजरिया हो,
वोटवा कै दिन करिबायल।
रामकेश एम. यादव
(लेखक) मुम्बई
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