जलालपुर विस क्षेत्र के तीन दिग्गज दलबदलू प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला
जलालपुर विस क्षेत्र के तीन दिग्गज दलबदलू प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला
क्षेत्र में राकेश पाण्डेय, सुभाष राय और डा. राजेश सिंह की ही चर्चा जोरों पर
रीता विश्वकर्मा
अम्बेडकरनगर। विधानसभा चुनाव-2022 के लिए पार्टी प्रत्याशियों का जनसम्पर्क व प्रचार अभियान जारी। चुनावी रैलियां शुरू। वीआईपी व स्टार प्रचारकों की आमद। रैलियों में उमड़ी भीड़ को सम्बोधित करते प्रचारक। पक्ष-विपक्ष पर निशाना साधते वक्तागण। मौसम और चुनावी माहौल का पारा गर्माने लगा है। पार्टी प्रत्याशी व समर्थक दिन-रात एक करके मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। जैसा कि विदित है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले इस चुनाव के 6वें चरण में 3 मार्च 2022 को इस जिले में मतदान होना है।
अम्बेडकरनगर में कुल 5 विधान सभा क्षेत्र हैं जिनमें आलापुर सुरक्षित है। इस बार हमने जलालपुर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर मतदाताओं का रूझान जानने का प्रयास किया। बता दें कि इस विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में इस बार सर्वश्री डा. राजेश सिंह (बसपा), राकेश पाण्डेय पूर्व सांसद (सपा), सुभाष राय (भाजपा) और रागिनी पाठक (कांग्रेस) प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमा रहे हैं।
जलालपुर विस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी डा. राजेश सिंह के लिए राजनीति नई नहीं है। इसके पूर्व भी ये भाजपा से पिछला चुनाव लड़ चुके हैं। तब इन्हें पराजय का मुँह देखना पड़ा था। बाद में इन्होंने बसपा ज्वाइन कर लिया और उन्हें विस चुनाव 2022 में जलालपुर से बहुजन समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया। यह भी बताना जरूरी है कि जलालपुर के निकटवर्ती गाँव कन्नूपुर के निवासी स्वर्गीय शेर बहादुर सिंह के सुपुत्र हैं। डा. राजेश सिंह परूइया आश्रम स्थित बाबा बरूआदास पी.जी. कालेज में प्राध्यापक हैं। इन्हें राजनीत यदि यह कहा जाये कि विरासत में मिली है तो गलत नहीं होगा।
इनके पिता स्व. शेर बहादुर सिंह आधा दर्जन बार निर्दल तथा विभिन्न पार्टी प्रत्याशी के रूप में जलालपुर सीट से जीतकर विधानसभा में नुमाइन्दगी कर चुके थे। उन्हें जमीनी नेता कहा जाता था। ‘बाढ़ैं पूत पिता के धरमे’ को चरितार्थ करते हुए डा. राजेश सिंह राजनीति में उतरे हैं परन्तु अभी तक इन्हें सफलता हासिल नहीं हो सकी है। इस बार बसपा के प्रत्याशी के रूप में इन्हें उक्त क्षेत्र से अपनी जीत सम्भावित दिख रही है। सुशिक्षित, सीधे-सादे, मृदुभाषी डा. राजेश सिंह जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाग्य आजमा रहे पार्टी प्रत्याशियों में सबसे अधिक पढ़े-लिखे हैं।
क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में दल बदलुओं को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसी चर्चा में जलालपुर विस क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे राकेश पाण्डेय, सुभाष राय और डा. राजेश सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। क्षेत्र की जनता ऊहापोह में है। उसे अपना नुमाइन्दा चुनने में काफी कठिनाइयां पेश आ रही हैं। बता दें कि राकेश पाण्डेय इस क्षेत्र से सपा के कैन्डीडेट के रूप में चुनावी मैदान में हैं। इसके पहले ये बसपा से 55-अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद चुने गये थे। वर्तमान में इनके सुपुत्र रितेश पाण्डेय बसपा के सांसद हैं। राकेश पाण्डेय का पूरा कुनबा बसपामय है। वहीं इनका सपा का प्रत्याशी होना जलालपुर क्षेत्रवासियों के गले सीधे नहीं उतर रहा है। इनके समर्थक असमंजस की स्थिति में हैं।
ठीक इसी तरह की बातें भाजपा के प्रत्याशी सुभाष राय के बारे में भी की जा रही हैं। कुछ महीने पूर्व सुभाष राय सपा विधायक के रूप में क्षेत्र में जाने जाते थे। विस चुनाव-2022 के घोषणा के पूर्व ही इन्होंने सपा को छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर लिया। इन दोनों कद्दावरों के साथ ही तीसरे कद्दावर डा. राजेश सिंह जो बसपा के प्रत्याशी हैं, ये भी दलबदलू हैं। इन्होंने भाजपा छोड़कर बसपा की सदस्यता ली है। इन दलबदलुओं ने जैसे ही अपने पुराने दल का परित्याग किया वैसे तात्कालिक रूप से इन सभी को पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। क्षेत्र की जनता इस घोषणा उपरान्त अचंभित रह गई लेकिन करे तो क्या करें..? चुनाव है, मतदान तो करना ही है। किसी न किसी को समर्थन तो देना ही है। यह रही 3 दिग्गज दलबदलू प्रत्याशियों की बात। चौथे नम्बर पर इस विस क्षेत्र में कांग्रेस की चर्चा हो रही है। इस पार्टी ने रागिनी पाठक को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। रागिनी पाठक अपना प्रचार जारी रखे हुए हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी राकेश पाण्डेय को सपा के आधार व पारंपरिक मतो के साथ ब्राम्हण मतों का सहारा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि राकेश पाण्डेय अहीर, मुस्लिम, पिछड़ी जाति के अलावा ब्रम्हण मतों के सहारे सपा के प्रत्याशी के रूप में विजय श्री पाने की आस लगाये हुए हैं। राकेश पाण्डेय जिले के नामचीन लोगों में से एक हैं। ये उद्योगपति, बड़ा उद्यमी और कुशल राजनीतिज्ञ व रसूखदार व्यक्तियों में शुमार हैं। इनके बारे में ज्यादा कुछ लिखना बेमानी होगा। 70 वर्षीय राकेश पाण्डेय गौरवर्ण के कद्दावर व प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी है। निहायत शालीन और विनम्र व मिलनसार राकेश पाण्डेय का नाम लगभग 50 साल से प्रदेश के बड़े शराब व्यवसाई के रूप में लिया जाता रहा है। इन 50 सालों में राकेश पाण्डेय व उनके परिवार ने उद्योग, व्यवसाय और राजनीति के क्षेत्र में अपनी सुदृढ़ जगह व पहचान बनाई है। इस चुनाव में राकेश पाण्डेय किस स्थान पर हैं या रहेंगे यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है फिर भी क्षेत्र के उनके समर्थक उनकी जीत को लेकर काफी सकारात्मक सोच रखते हैं।
अब आइये भाजपा के प्रत्याशी सुभाष राय के बारे में कुछ बता दें। सपा छोड़कर भाजपा में हालिया शामिल सुभाष राय एक कद्दावर व्यक्ति हैं। जलालपुर क्षेत्र में इन्होने सपा के मतों और व्यक्तिगत चाहने वालों के समर्थन से विधायक बनकर क्षेत्र की नुमाइन्दगी प्रदेश की पंचायत में किया था। इनके पूर्व के समर्थक इस बार इनका साथ देंगे या नहीं यह तो चुनाव परिणाम ही बतायेगा। वैसे पहलवानी का शौक रखने वाले कद्दावर सुभाष राय अपनी जीत का परचम लहराने के लिए जलालपुर विस क्षेत्र का धुंआधार दौरा करके जनसम्पर्क कर रहे हैं।
क्षेत्र में यदि किसी अन्य पार्टी प्रत्याशी की बात हो रही है तो वह है कांग्रेस की रागिनी पाठक। पढ़ी-लिखी महिला रागिनी पाठक बड़े ही शालीन तरीके से क्षेत्र के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर पार्टी पक्ष में वोट करने के लिए जनता से अपील कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी के मैनीफेस्टो का जिक्र करके रागिनी कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करने के लिए जनता से पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए देखी जा रही हैं।
कुल मिलाकर पूरे जलालपुर विधानसभा क्षेत्र में तीन कद्दावर दलबदलुओं के चुनावी मैदान में उतरने से असमंजस में पड़ी जनता कुछ भी स्पष्ट कह पाने में अक्षम है। मतदाता स्वयं ही भ्रमित हैं। कभी सुभाष राय तो कभी राकेश पाण्डेय और कभी डा. राजेश सिंह का नाम लेकर उत्साही समर्थक जिन्दाबाद कहते हुए नजर आते हैं। रही रागिनी पाठक की बात तो इस पुरानी राष्ट्रीय पार्टी के बारे में कुछेक पुराने व खासमखास समर्थक ही चर्चा करते देखे-सुने जा रहे हैं। स्पष्ट तौर पर यदि यह कहा जाये कि क्षेत्र में चुनावी महासंग्राम त्रिकोणात्मक है तो गलत नहीं होगा। रही जीत-हार की बात इसके बारे में किसी भी तरह से स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। एक तरह से इसे मतदाता की चालाकी कहें या गोपनीयता। कसी भी प्रत्याशी के जीत-हार की स्पष्ट बात करना सिर्फ उत्साही समर्थक जोश में कह सकता है परन्तु क्षेत्र के मतदाताओं और राजनीति के जानकारों ने इस क्षेत्र की चुनावी लड़ाई को काम्पलीकेटेड बताया है। देखने-सुनने में भी स्थिति कुछ स्पष्ट नहीं हो रही है। मतदाता कन्फ्यूज्ड हैं। बावजूद इन सबके कहीं बसपा नम्बर एक पर तो कहीं भाजपा और सपा। फिलहाल जलालपुर क्षेत्र में बसपा के डा. राजेश सिंह, भाजपा के सुभाष राय, सपा के राकेश पाण्डेय के बीच त्रिकोणात्मक मुकाबला बताया जा रहा है।
यहाँ चुनाव मतदान 3 मार्च को होगा और मतगणना 10 मार्च को। मतगणना उपरान्त देखना यह है कि 3 दिग्गज, कद्दावर दलबदलू प्रत्याशियों में से किसके सिर जीत का सेहरा सजेगा। इस अंक में इतना ही अगले अंक में अन्य विधानसभा क्षेत्र के बारे में चर्चा करेंगे तब तक के लिए थोड़ी सी प्रतीक्षा, थोड़ा इंतजार…….।
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