गौशाला की दुर्दशा: अलाव तापते रहे कर्मचारी एवं दर्द से तड़पता रहा मवेशी
गौशालाओं का हाल बद से बदतर, मवेशियों के नाम पर साहब हो रहे मालामाल
सलोन क्षेत्र के परसदेपुर गौशाला के दुर्दशा की बतायी जा रही वायरल तस्वीर
अनुभव शुक्ला
परशदेपुर, रायबरेली। लोग गौर से इन दोनों तस्वीरों को देखिए इन दोनों तस्वीरों में एक तरफ निश्चित होकर वह लोग बैठे हैं जिनके जिम्मे पर सैकड़ों मवेशियों की जिम्मेदारी है, वहीं दूसरी तस्वीर में साफ तौर से देखिए मवेशी किस तरह से जिंदगी की जंग हार कर पड़ा है। हृदय को झकझोर देने वाली ये दोनों तस्वीरे जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एकाएक हड़कंप मच गया।
जी बिल्कुल हड़कंप क्यों न मचे? सूबे की सत्तासीन योगी सरकार मवेशियों के नाम पर भी लाखों रुपए का बजट खर्च करती है। शायद गौशाला में कार्य करने वाले कर्मचारियों के घर का चूल्हा भी गौशाला में कार्य के नाम पर सरकार के रुपए खाते में आने के बाद ही जलते हों । पर कर्मचारियों की नमक हरामी कहें या गैरजिम्मेदार दोनों ही शब्द ऐसे कर्मचारियों के लिए कहीं न कहीं सटीक बैठते हैं। गौशाला में भूख तो कहीं पानी तो कहीं बीमारी से मवेशी कीचड़ में तड़प रहे हैं पर गैर जिम्मेदार कर्मचारियों की मनमानी का दंश मवेशी झेल कर मौत के मुंह में चले जा रहे हैं। यह कोई जिले की एक गौशाला की नहीं बल्कि अधिकतर गौशालाओं का हाल है। जिनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है।
सरकार छुट्टा मवेशियों के रहने के लिये चाहे जितना इंतजाम करके गौशाला बना दे लेकिन योगी सरकार के कुछ अधिकारियों के निर्देशों को खुल्लमखुल्ला ठेंगा दिखाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर जिले के परसदेपुर नगर पंचायत की बतायी जा रही है। जी हां, यह एक ऐसी गौशाला बताई जा रही है जहां कोई भी व्यक्ति दाखिल नहीं हो सकता। सूत्रों की मानें तो कमजोर गौवंशों को रात्रि में छोड़ कर नए मवेशी को अंदर रख लिया जाता है जिससे जांच अधिकारी गौवंशो को हष्ट पुष्ट देख सके। बताते चलें की आदर्श नगर पंचायत परशदेपुर में कंप कपाती ठंड में सुबह का समय कोहरे और धुंध को समेटे गौशाला में कांपती गौवंश चारे के नाम पर सूखा पुआल हरे चारे का नामो निशान नहीं है, ऐसी व्यवस्था आदर्श नगर पंचायत परसदेपुर की गौशाला का है।
नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया की गौशाला के अंदर का नजारा चौकाने वाला है। ठंड में कांपती भूख से तड़पती गाय अलाव का पता नही केवल कर्मचारी अपने लिए अलाव जला कर लुत्फ उठा रहे हैं जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। गौशाला के अंदर तड़पती हुई गाय पड़ी थी । दबी जुबान में स्थानीय लोगों ने यह भी बताया की इस गौशाला में रोजाना एक दो गायों की ऐसी हालत होती है जिन्हें जेसीबी से अंदर दफना दिया जाता है। यहां तक कहा की यदि गौशाला की जांच कराई जाय तो बहुत से गौवंशों के कंकाल अंदर दबे हुए मिल सकते है। पशु आहार और हरा चारा न देने के पीछे भ्रष्टाचार का खेल दिखाई पड़ता है। हो कुछ भी किंतु परसदेपुर नगर पंचायत के गौशाला में फैले भ्रष्टाचार की कहानी सुनकर हिंदू संगठनों में भी रोष व्याप्त है।
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