पंचायत सचिव नहीं बनवा रहे अस्थायी पशुबाड़े, किसान बना चौकीदार
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। विधानसभा चुनाव की नजदीकियां देखते हुए शासन ने ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित पशुओं के लिए जहाँ एक तरफ अस्थाई पशुबाड़े बनवाने के आदेश जारी किए है जिसकी देख-रेख जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी और अस्थाई पशुबाड़े बनवाने का कार्य की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत सचिव को दी गयी है जिससे सचिव द्वारा निर्माण कराये गए अस्थाई पशुबाड़े में ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित पशुओ को सहारा मिल सके और उन्हें ठंड में रहने व खाने की उचित व्यवस्था मिल सके जिस संबंध में समय-समय पर जिम्मेदारों द्वारा बैठक कर उचित दिशा निर्देश भी जारी किए गए व कगजपूर्ती करने के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा अस्थाई पशुबाडो का निरीक्षण भी किया जा रहा है जिससे जारी आदेशो का पालन किया जा सके और निराश्रित पशुओं को सहारा मिल सके शासन व जिला प्रशासन के हर कोशिश के बाद भी ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत ग्राम पंचायत सचिव जारी आदेशो को दरकिनार कर जारी आदेशो की धज्जियां उड़ाते हुए अस्थाई पशुबाड़े का निर्माण नहीं करा रहे निर्माण।
मात्र फोटोग्राफी और कागजपूर्ती तक सीमित है। अस्थायी पशुबाड़े योजना निराश्रित पशुओं तक नहीं मिल पा रही है। ग्राम पंचायत सचिवों की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के फसलों को बचाने के लिए किसानों को चौकीदार बनना पड़ रहा है जिससे जहाँ एक तरफ किसान रात रात जाग कर फसलों बचाने में लगा रहता है। वहीं दूसरी तरफ दिनचर्या में परिवर्तन होने के कारण फसलों की उपज पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। अस्थायी पशुबाड़े के निर्माण व ग्राम पंचायत सचिवों की लापरवाही के सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर अक्षत वर्मा ने बताया कि लगभग 19 हजार निराश्रित पशुओं को प्रतिदिन अस्थायी पशुबड़ो में जारी आदेशानुसार राहत दी जा रही है जो संबधित विकास खंडों से सूची उपलब्ध कराई गई है।
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