मां श्रृंगार गौरी का किया गया भव्य सामूहिक दर्शन पूजन

मां श्रृंगार गौरी का किया गया भव्य सामूहिक दर्शन पूजन

ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद काशी ने किया आयोजन
जितेंद्र सिंह चौधरी/विवेक राय
वाराणसी। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने उपाध्यक्ष अनिल रावल शास्त्री और महामंत्री ब्रह्मचारी डा.वागीश स्वरूप के आचार्यत्व में श्रृंगार गौरी का सामूहिक दर्शन पूजन कर ज्ञानवापी परिसर की मुक्ति तथा विवादित ढांचे के ध्वस्त होने और विश्वनाथ जी के यथास्थान पुनः भव्य मंदिर स्थापित होने सहित भारत के अखंड हिंदू राष्ट्र होने की कामना के साथ बाबा विश्वनाथ सहित परिसर के अन्य देवालयों का भव्य दर्शन पूजन संपन्न किया।

इस दौरान महापरिषद के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ल ने बताया कि यह परंपरा विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख श्रद्धेय अशोक सिंहल के नेतृत्व में प्रारंभ हुई थी। अशोक सिंहल जी ने नारा दिया था “राम कृष्ण और विश्वनाथ, तीनों लेंगे एकसाथ”। इसी क्रम में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद को संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर की मुक्ति के लिए सभी प्रकार के संघर्ष, जनजागरण तथा न्यायालय के वाद में सहयोग हेतु स्थापित किया गया था।

आगे उन्होंने बताया कि भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, बाबा विश्वनाथ का मंदिर भी भव्यता को प्राप्त हो रहा है परंतु हिंदुओं के मस्तक पर बर्बर इस्लामी अकरंताओं द्वारा लगाए गए ऐतिहासिक कलंक को समाप्त करने के लिए ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद संकल्पबद्ध है।

ज्ञातव्य है कि ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद वर्ष 1986 से ही अध्यक्ष पं.शिव कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में सामूहिक दर्शन पूजन का कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। उक्त दर्शन पूजन में प्रथम महिला पूजक के नाते श्रीमती मीरा शुक्ल माता श्रृंगार गौरी का विधिवत संकल्प पूर्वक पूजन कर ज्ञानवापी परिसर की मुक्ति तथा अखंड हिंदू राष्ट्र के स्थापना की कामना करती हैं।

इसके पश्चात अन्य महिला श्रद्धालु भी विधिवत पूजन कर माता श्रृंगार गौरी का पूजन संपन्न करती हैं। ज्ञातव्य है कि गत वर्ष श्रृंगार गौरी वाद की सभी वादिनियों ने भी ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं के साथ ही दर्शन पूजन किया था। काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के बाद पहला सामूहिक पूजन कार्यक्रम आयोजित था, प्रशासन के प्रबंधन में खामियों के कारण कार्यकर्ताओं को परंपरागत मार्ग से दर्शन पूजन और पूजन सामग्री में नारियल और डमरू ले जाने में नोक झोंक भी हुई परंतु अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ल के हस्तक्षेप के बाद भव्य दर्शन पूजन का कार्यक्रम पूर्ण हुआ।

उल्लेखनीय है कि महापरिषद ने डमरू दल के साथ 108 नारियल की बलि माता श्रृंगार गौरी के चरणों में समर्पित की। इसके पश्चात महापरिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा बाबा काशी विश्वनाथ की सामूहिक दर्शन पूजन स्तुति करते हुए ढूंढीराज गणेश, माता अन्नपूर्णा का पूजन करते हुए परिसर स्थित हनुमान जी के सामने सामूहिक पूजन और हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद यह परंपरागत पूजन संपन्न हुआ।

एक ओर दर्शन के लिए युवा कार्यकर्ताओं का विशाल जुलूस सैकड़ों की संख्या में मैदागिन से महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में चलकर बांसफटक स्थित सत्यनारायण मंदिर पर एकत्र हुआ तो दूसरी तरफ फेरी पटरी व्यवसायियों का जुलूस भी सैकड़ों कार्यकर्ताओं की संख्या में अभिषेक निगम के नेतृत्व में गौदोलिया से चलकर सत्यनारायण मंदिर पहुंचा। नगर के विभिन्न क्षेत्रों से समूह में आए श्रद्धालु कार्यकर्ता सत्यनारायण मंदिर बांसफाटक से विशाल जुलूस के रूप में मंदिर परिसर की ओर ज्ञानवापी मुक्ति का नारा लगाते हुए पहुंचे। इस पूजन में भारी संख्या में श्रद्धालु कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा.ज्ञान प्रकाश मिश्र, उच्च न्यायालय लखनऊ में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता सूर्यमणि सिंह रैकवार, अनिल यादव, आशीष कुमार आशु, अभिषेक निगम, संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह एडवोकेट, सह संयोजक पतंजलि पांडेय, श्रीकांत सिंह, अखिलेश श्रीवास्तव, गौरव प्रकाश, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी दिवाकर जी, एसपी सिंह,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय प्रमुख पिपलवा, स्वतंत्र बहादुर सिंह, डा.बीके त्रिपाठी सहित हजारों की संख्या में कार्यकर्ता श्रद्धालु उपस्थित थे।

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