लेखपाल पर तीसरी बार लगा भ्रष्टाचार का आरोप, कभी नहीं होती कार्यवाही
रंजीत सिंह माधौगढ़ (जालौन)। स्थानीय तहसील में तैनात लेखपाल के ऊपर तीन बार खुलेआम पैसे मांगने और लेने के आरोप लग चुके हैं उसके बावजूद प्रशासन का बरदहस्त उसे बचाता रहता है। यही नहीं, हर बार भ्रष्टाचार साक्ष्यों के साथ साबित भी हुआ फिर भी उस पर रहमदिली हो जाती है। तहसील में तैनात लेखपाल निशा यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। सबसे पहले गोहन के भाजपा नेता राजकुमार कुशवाहा से पैसे लेने के आरोप लगे जो साबित होने के बाद पैसे वापस किए गए लेकिन लेखपाल कार्रवाई से बच गई।
उसके बाद असहना गांव में घरौनी के नाम पर पैसे लिए गए। उस पर भी मामले ने तूल पकड़ा तो तहसीलदार के डांटने के बाद पैसे वापस हुए लेकिन फिर भी जांच में वह कार्रवाई से बच गई लेकिन तत्कालीन एसडीएम शालिगराम ने असहना गांव से हटाकर दूसरे गांव में तैनात कर दिया। अब उदोतपुरा गांव का मामला सामने आया है जहां लेखपाल निशा यादव द्वारा सांप काटने से हुई मृत्यु के मामले में वारिसों से रिश्वत की मांग करने का आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि दो लडक़ों से रिश्वत ली तो उनके खातों में किसान दुर्घटना बीमा की किश्त आ गई लेकिन रामशंकर पुत्र आज्ञाराम के खाते में शेष एक हिस्से की किश्त नहीं आ पा रही है। उसके लिए रामशंकर और उसकी पत्नी ने लेखपाल निशा यादव पर दस हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए तहसीलदार सुशील कुमार को शिकायती पत्र दिया है। पूरे मामले पर तहसीलदार सुशील कुमार ने कहा है कि लेखपाल की शिकायतें तो ज्यादा हैं लेकिन इस प्रकरण में शिकायतकर्ता का खाता बंद होने के कारण पैसा नहीं जा पा रहा है। भ्रष्टाचार का मामला नहीं है।
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