सेहत के लिये रामबाण है हंसना

सेहत के लिये रामबाण है हंसना

वर्ल्ड लाफ्टर डे पर विशेष
हंसना और मुस्कुराना आदमी के सेहत और खुशी के लिए बेहद मुफीद हैं। आदमी के जीवन में बिना पैसे के इन उपायों से बहुत सारी खुशियां दस्तक देने लगती हैं। हंसने से न केवल मन खुश रहता है, शरीर भी सुखी और स्वस्थ रहती है। सच पूछिए तो मानसिक खुशी का यह रामबाण है। हंसी से आपके आसपास का वातावरण खुशियों से भर जाता है। आपके अगल-बगल के लोग भी आपकी खुशी से खुश होते हैं। जाहिर है हंसना ऐसा रामबाण है जो आपकी बहुत सारी मानसिक उलझन जड़ से खत्म कर सकता है और आपके शरीर को भी चुस्त और दुरुस्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण है।

हंसना जहां मन और शरीर को स्वस्थ रखने में कारगर है, वहीं यह मेमोरी को बढ़ाने में, विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। यदि कोई आदमी कुछ समय तक भी अपने आप को हंसने में मशगूल रखता है तो उसकी शरीर काफी समय तक चुस्त और दुरुस्त रहती है, तनाव घटता है, उदासी दूर भाग जाती हैं, मन प्रफुल्लित रहता है और मन में असीम ऊर्जा का संचार भी होता है, इसलिए हंसिए जब भी मौका मिले। यहां तक की नकली हंसी भी फायदेमंद है। आईने के सामने खड़े हो कर किसी अच्छी बात को सोचकर हंसी या मुस्कुराइए, आपके चेहरे की रंगत खुशनुमा हो जाएगी, तो सोचिए कि यदि हंसने को जीवन का हिस्सा बना लिया जाए तो जीवन कितना खूबसूरत हो जाएगा।

जब कोई व्यक्ति हंसता है तो उसके पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है और हृदय भी अच्छे रूप में कार्य करने लगता है। हंसने से आदमी का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और शरीर में खुशी का हार्मोन पैदा होता है जिसे मेलाटोनिन कहते हैं। यह हार्मोन आपको प्रसन्न रखता है और नींद की गुणवत्ता भी बढ़ा देता है। ये स्थितियां आदमी को स्वस्थ और प्रसन्न रखने में बहुत ही लाभकारी हैं।

आदमी की हंसी उसके आस—पास के वातावरण को खुशनुमा बना देती है और उसमें सकारात्मक ऊर्जा व्याप्त हो जाती है। यह उसके लिए ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी सकारात्मक ऊर्जा का काम करता है। दिल से निकली हंसी हर गम को दूर कर देती है। आजकल तो कितने लोग हंसी का कैम्प लगाने लगे हैं। यद्यपि यह भी फायदेमंद है और यदि हंसी के लिए स्वाभाविक वातावरण बना दिया जाए तो यह सोने पर सुहागा जैसा है। जरा सोचिए महिलाएं ज्यादा खुश क्यों रहती हैं, इसलिए खुश रहती है, क्योंकि वह पुरुषों की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत बार ज्यादा हंसती हैं। हंसने की ताकत समझ लीजिए और इसे जिंदगी का नुस्खा बना लीजिए।

हंसने से आदमी को उसकी खुशी के लिए, स्वास्थ्य के लिए, उपलब्धियों के लिए कम से कम 5 रत्न प्राप्त होने की गारंटी है। विभिन्न अनुसंधान से पता चला है कि हंसना शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है, एंडोर्फिन नामक हार्मोन निकलता है, इससे दिल को मजबूती मिलती है। शोधों से यह भी पता चला है कि घंटा-आधा घंटा यदि आदमी हंसता है या हंसने वाले परिवेश में समय बिताता है तो उसकी कैलोरी की खपत बढ़ जाती है और शरीर भी स्वस्थ रहता है। रक्तचाप भी नियंत्रण में रहता है।

ज्यादा नहीं केवल 5 से 7 सेकंड के लिए 10-20 बार हंसने की आदत डाल दीजिए तो मान लीजिए कि आप अमृतपान कर रहे हैं। हमारे देश भारत में मानसिक सेहत के प्रति सतर्कता काफी कम है। हम खुशी और प्रसन्नता के पैमाने पर 136 वें स्थान पर है। लोगों में खुशी का भाव संचारित करने के लिए कभी रोमन साम्राज्य में हंसने के नाम पर एक त्यौहार मनाया जाता था जिसका नाम था ‘हिलेरिया’।

तो आइए अपने इर्द-गिर्द हंसी-खुशी का माहौल बनाएं, खुद को खुश रखें और दूसरों को भी हंसी खुशी का वातावरण प्रदान करें। यह नुस्खा अमूल्य है और इसे जिंदगी का हिस्सा बनाना हमारी बुद्धिमानी। शरीर स्वस्थ रहेगा तो बीमारियां दस्तक नहीं दे पाएँगी, आर्थिक दबाव भी नहीं पड़ेगा और घर-परिवार तथा संगी-साथी भी आपके मुस्कुराते हुए जीवन से प्रेरणा लेंगे और खुद को उसी रंग में ढालने का प्रयास करेंगे। लाख मुसीबत हो फिर भी हंसी और मुस्कराहट से गम को दूर भगाएँ, यही जिंदगी का मकसद है। ठीक ही कहा गया है, गम खुशी को चाह कर भी कर नहीं सकता फ़ना, गम में भी थोड़ा कभी हंस-हंसा कर देखिए।

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