आरक्षण मुद्दे को धर्म से जबरदस्ती जोड़कर मोदी का बयान हास्यास्पद

आरक्षण मुद्दे को धर्म से जबरदस्ती जोड़कर मोदी का बयान हास्यास्पद

आरक्षण मुद्दे पर नरेंद्र मोदी जी का यह कहना कि धर्म के आधार पर इंडिया महागठबंधन पिछड़े, दलितों का हक एक विशेष धर्म के लोगो को देने की साजिश कर रही है। मोदी जी का बयान हास्यास्पद है। वैश्यों को सावधान रहने की जरूरत है सत्ता में पहुंचने के लिए रास्ता बनाने की जरूरत है। कठिन जरूर है किन्तु असम्भव नहीं है। सफलता जरूर मिलेगी। चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा आरक्षण भी है। बाकी चरणों में आरक्षण भाजपा को बेदखल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाई दे रहा है, इसलिए मोदी जी एवं उनकी टीम आरक्षण के मुद्दे पर अनाप-शनाप बोल रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कमोवेश इसी तरह का ब्यान दे रहे हैं| मोदी जी को भली-भांति पता है कि संविधान में किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए कोई भी राजनीतिक पार्टी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकती है। संविधान में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से उपेक्षित लोगों को आरक्षण देने का प्रावधान है। किसी भी व्यक्ति पर कोई टिप्पणी अनर्गल करने से कोई अब धुव्रीकरण होने वाला नहीं है। देश की जनता यह बात अच्छी तरह समझ चुकी है। धुव्रीकरण के नाम पर भुगत रही है। भाजपा का धुव्रीकरण करने का पुराना फार्मूला फेल हो चुका है। जनता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर मतदान कर रही है। खासकर पिछड़े आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा से ख़ासे नाराज़ है, इसलिए तीन चरणों के रुझानों से संकेत मिल रहा है कि भाजपा तेजगति से पिछड़ रही है| देश की जनता नोटबन्दी, जीएसटी एवं कोरोना वायरस के नाम पर लोगों की नौकरी/रोजगार चली गई इन मुद्दों पर भी चुनाव हो रहा हैं। 3 चरणों के मतदान से जो रुझान सोशल मीडिया में आ रहे है, इसलिए ध्रुवीकरण करने का भरसक प्रयास मोदी जी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया जाता रहा है किन्तु ध्रुवीकरण नहीं हो पा रहा है। अल्पसंख्यकों के कुछ समाज के लोगों को पहले से ही संविधान के तहत आरक्षण प्राप्त है। किसी को देने की जरूरत नहीं है और न ही किसी को गुमराह होने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में वैश्य बाहुल्य 17 सीटें हैं जिसमें से पूर्वांचल एवं आस-पास के वैश्य बाहुल्य 9 सीटों पर एक खास वर्ग के लोगों को भाजपा ने टिकट देकर वैश्यों के साथ अन्याय किया है। इन सीटों पर वैश्य भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे, ऐसी रणनीति बनाई गई है। वैश्य एवं क्षत्रिय दोनों समाज भाजपा का परम्परागत मतदाता रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने टिकट देने में दोनों की उपेक्षा किया है। कई प्रान्तों में असर दिखाई दिया है। गुजरात मॉडल वाले उत्तर प्रदेश में जयचंद व मानसिंह की तलाश करने केलिए दर-दर भटक रहे हैं किन्तु अभी कोई मिला नहीं है। क्षत्रियों के विरोध के कारण उपरोक्त पहले तीन चरणों में चुनावीं बैतरणी पार होते नहीं दिख रही है। आगे भी ऐसी दुर्गति न होने पाएं, इसलिए जयचंद व मानसिंह की तलाश की जा रही है। मिलेंगे या नहीं, समय बतायेगा। भाजपा ने 2014 व 2019 एवं 2024 के चुनाव में भी एक भी टिकट नहीं दिया है। हिसाब—किताब चुकता करने को तैयार है।
ध्रुवचन्द जायसवाल
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अपना समाज पार्टी

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

Jaunpur News: Two arrested with banned meat

JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोकझोंक, जानिए क्या है मामला

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Read More

Recent