Jaunpur News : पुलिसकर्मी ने दोस्त की बेटी से 3 साल तक किया रेप, पढ़िए पूरी खबर…
जौनपुर। जनपद में अपर सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद सिंह ने बर्खास्त पुलिसकर्मी को 12 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पुलिसकर्मी को रेप के मामले में दोषी पाया है। उसने दोस्त की बेटी(15) का स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया। फिर रेप कर उसका वीडियो बना लिया। फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर 3 साल तक उससे दुष्कर्म करता रहा। आरोपी पर 51 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
2014 में दर्ज हुआ था केस
जिले में 7 सितंबर 2014 को पीड़िता ने महिला थाने में अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि एसपी ऑफिस में तैनात रहे सिपाही राजेश बहादुर सिंह ने हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था। 24 फरवरी 2011 को छात्रा स्कूल जा रही थी। आरोपी और पीड़िता के परिवार के बीच अच्छे संबंध थे। जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी उसे अपने साथ नाश्ता कराने के लिए होटल ले गया।
कई बार बच्ची हुई थी गर्भवती
इसके बाद पुलिसकर्मी ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। इसके बाद पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं बल्कि आरोपी द्वारा इसका वीडियो भी बनाया गया। लड़की के होश में आने पर पुलिसकर्मी ने उसे वीडियो वायरल करने की धमकी दी। धमकी देकर लगभग 3 साल तक पीड़िता के साथ दुष्कर्म करता रहा। कई बार पीड़िता गर्भवती भी हुई। लेकिन आरोपी द्वारा उसका गर्भपात करा दिया गया। तंग आकर पीड़िता ने इस मामले में FIR दर्ज कराई। इस मामले में पीड़िता का मेडिकल करवाकर मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान भी दर्ज किया गया।
पीड़िता को बेटी बोलता था आरोपी
पुलिस सिपाही राजेश बहादुर सिंह और पीड़िता के परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध थे। साल 2006 से दोनों दोस्त थे। पीड़िता के परिवार के लोग पुलिसकर्मी को परिवार का सदस्य मानते थे। पुलिसकर्मी भी पीड़िता को बेटी बोलता था। उस वक्त आरोपी की कोई बेटी नहीं थी। परिवार को पुलिसकर्मी पर पूरा भरोसा था।
2016 में कोर्ट में तय हुआ था आरोप
27 मई 2016 को इस मामले में आरोप तय हुआ। सरकारी अधिवक्ता राजेश उपाध्याय द्वारा गवाहों को पेश भी कराया गया। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्ष की दलील सुनी। इस मामले में 43 पन्ने का फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए दंडित किया है। 12 साल की सजा के साथ कोर्ट ने 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ इस अपराध को जघन्य श्रेणी का माना है।
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