जन विश्वास यात्रा के स्वागत में भीड़ जुटाने में लेना पड़ा पैसों का सहारा
पैसे देने के बाद भी जनता को रोकने के लिये कराना पड़ा रागनी कम्पटीशन
अनिल कश्यप
हापुड़। बीते मंगलवार को जनपद में एक जन विश्वास यात्रा का जिम्मा भाजपा कार्यकर्ताओं को मिला था। यात्रा के स्वागत के लिए भीड़ तो खूब दिखाई दे रही थी लेकिन जैसे ही यात्रा खत्म हो गयी तब बीजेपी के तथाकथित कार्यकर्ताओं की पोल खुलकर सामने आ गयी। बता दें कि दूसरों को नसीहत का पाठ पढ़ाने वाली भारतीय जनता पार्टी की पोल उस वक्त खुल गई जब पार्टी के कार्यकर्ताओं को जन विश्वास यात्रा के स्वागत के लिए भीड़ जुटाने के लिए पैसों का सहारा लेना पड़ा। बता दें कि हापुड़ के रामलीला मैदान में डा. शिवकुमार सदर विधानसभा भावी प्रत्याशी के द्वारा जन विश्वास यात्रा का स्वागत व अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जिसमें रागनी कंपटीशन का भी आयोजन किया गया ताकि लोगों को यात्रा के पहुंचने तक रोका जा सके इस दौरान डा. शिवकुमार ने महिला कलाकारों को भी मंच पर अपनी रागनियां से लोगों को लुभाने का काम किया।
खैर यह तो अलग बात है लेकिन इस नए जमाने में भी लोग अपना काम छोड़कर रैली में रागनियां सुनने के लिए सम्मिलित हुए यह बहुत बड़ी बात थी। बता दें कि रैली में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भीड़ अधिक देखने को मिली जिस पर हमारे संवाददाता द्वारा गहनता से अध्ययन किया गया तो बड़ा खुलासा निकलकर सामने आया। वहां पर उपस्थित कुछ पुरुषों ने बताया कि यह भीड़ 200 से लेकर 500 तक देकर इकट्ठा की गई है। यह तो अलग बात है कि भीड़ जुटाने के लिए ज्यादातर सभी पार्टियां किसी ना किसी वस्तु का लालच देकर बुलाते हैं।
अधिकतर देखा भी जाता है कि नेताओं की रैली में लोगों को खाने-पीने दोनों तरह की आजकल व्यवस्था की जा रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहां भारतीय जनता पार्टी पर उठा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भीड़ जुटाने के लिए लोगों को खाने पीने का लालच ना देकर सीधा के कैश देकर भीड़ जुटाने की कोशिश क्यो की? बता दें कि रथ यात्रा में जो लोग बीजेपी कार्यकर्ता बनकर घूम रहे थे। दरअसल वह बीजेपी कार्यकर्ता नहीं, बल्कि 300-400 प्रतिदिन कमाने वाले दिहाड़ी मजदूर थे। इन लोगों को पैसों का प्रलोभन देकर रैली को सफल बनाने के काम में लगाया गया था। हापुड़ के आस-पास के गांव से लोग बुलाये गए थे। बता दें कि इस संबंध में जब हमारे संवाददाता द्वारा भारतीय जनता पार्टी के भावी प्रत्याशी डा. शिवकुमार से जानकारी प्राप्त करनी चाही तो वह सवालों से बचते नजर आये और न ही बीजेपी के स्थानीय नेता ही कुछ बता पा रहे हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी के नेता का पदाधिकारी इस विषय पर बात करना पसंद नहीं कर रहे। शायद इसी वजह से हमारे संवाददात का फोन उठाने में संकोच कर रहे हैं लेकिन वहीं विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी को घेर कर एक बार फिर जमकर निशाना सादर रही है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के सदर विधानसभा भावी प्रत्याशी व समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ललित सिंह एडवोकेट ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी को जन विश्वास यात्रा करने के लिए भी पैसे देकर भीड़ इकट्ठी करनी पड़ रही है। यह बड़ी शर्म की बात है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी वालों को अब खुद महसूस हो रहा है कि उनके कार्यक्रम में पब्लिक का आना मुश्किल है शायद, इसीलिए पैसे से भीड़ इकट्ठी की जा रही है।
रूपये नहीं मिले तो कुर्सी लेकर चल दिये
हालांकि यात्रा के अगले दिन सोशल मीडिया पर कुछ अजीब और गरीब फोटो व वीडियो भी वायरल होनी शुरू हो गई जिसने देखा गया कि यात्रा में आए लोगों वह यात्रा में मौजूदा कुर्सियों को ही लेकर अपने घर वापस लौट गये। वायरल चित्र के साथ दावा किया जा रहा है कि जब उनकी निर्धारित दिहाड़ी मजदूरी नहीं मिली तो कुर्सी लेकर घर लौटना पड़ा।
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