सरकारी नमक बना गरीबों की जान का आफत
पानी में डालकर छाना गया तो आंखें खुली की खुली रह गयीं
आदित्य बरनवाल/राजेश पाल
बाजार शुकुल, अमेठी। गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के तहत कोटे की दुकानों से गरीब उपभोक्ताओं को दिए जा रहे नमक में बालू और मोरंग मिला है। कई गरीब उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत की। निःशुल्क खाद्यान्न वितरण गरीबों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के तहत कोटे की दुकानों से गरीब उपभोक्ताओं को दिए जा रहे नमक में बालू और मोरंग मिला है। कई गरीब उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत की। नमक के पैकेट में मोरंग और बालू मिलने की शिकायत के बाद कुछ लोगों द्वारा रियलिटी चेक किया गया तो शिकायत की पुष्टि हुई।
क्षेत्र के कई घरों से सरकारी नमक का पैकेट लेकर उसे बर्तन में रखकर पानी डाल कर घोला गया और घुलने के बाद उसे छाना गया तो उसमें मोरंग और बालू मिला। नमक के पैकेट पर खाद्य सुरक्षा गारण्टी की मुहर लगी है और केवल सरकारी आपूर्ति के लिए है। यह नमक गरीबों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना के तहत बांटा जा रहा है। इस नमक के हर पैकेट पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की फोटो छपी है, उनका प्रचार हो रहा है। पैकेट पर सोच ईमानदार, काम दमदार का स्लोगन भी लिखा है लेकिन निःशुल्क का नमक वितरित कर गरीबों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। क्षेत्र के ग्राम सभाओं में तमाम परिवार निःशुल्क खाद्यान्न योजना का लाभ ले रहे हैं। ज्यादातर घरों में सरकारी नमक मौजूद था।
कई लोगों की मौजूदगी में नमक का पूरा पैकेट फाड़कर इसे पानी में डाल दिया गया। चम्मच से पानी चलाया गया जिससे इसमे डाला गया नमक पूरी तरह घुल जाय। इसके बाद इसे बारीक छननी से छाना गया जो कुछ निकलकर सामने आया उसे देखकर आस-पास मौजूद लोगों की आखें खुली रह गयीं। स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक को लोगों को इसका जवाब देना चाहिए। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर पैकिंग करने वाली और आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकारी
पूर्ति निरीक्षक अधिकारी फूलचंद इस संबंध में शायद जवाब देना उचित नहीं समझते। कहते हैं न पूर्ति निरीक्षक अधिकारी पैकिंग की भराई करता है और न ही कोटेदार जानकारी करना है तो फूड नेफेड संस्था ही बता सकती है। शायद खाद्यान्न वितरण में निरीक्षक साहब की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। जो भी खाद्यान्न में आए वितरण हो। क्षेत्र के प्रबुद्ध जन आनंद किशोर शुक्ला, देवी दयाल शर्मा, रामेश्वर लोधी, राजकपूर, शिव प्रसाद प्रजापति, कुमारी कुसुम, अनोखा सिंह आदि लोगों ने जिलाधिकारी से जांच कराए जाने की मांग की है।
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