निर्मल व शुद्ध मन में ही होता है भगवान का वास: राजीव
निशा
रामगढ़ (बिहार)। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयन्ती एक दिन पूर्व शनिवार को विद्या भारती विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव रंजन, जयन्ती प्रमुख पवन कुमार चौबे व मनीष कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर व प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर किया गया।वहीं विद्यालय के शिक्षकों व छात्रों द्वारा बारी बारी से संत शिरोमणि रविदास जी के जीवनी पर प्रकाश डाला गया।
वर्ग आठवीं के छात्र कान्हा चतुर्वेदी द्वारा हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत तीनों भाषाओं में की गई प्रस्तुति अत्यंत ही सराहनीय रही। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने बच्चों को संत रविदास के जीवन मार्ग पर चलने को लेकर प्रेरित किया उन्होंने बताया कि संत रविदास ने अपने उपदेशों में बताया है कि निर्मल और शुद्ध मन में ही भगवान का वास होता है। आपके मन में यदि किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है तो मन ही आपका मंदिर के समान है।
उन्होंने आगे संत रविदास की दोहा मन चंगा तो कठौती में गंगा को कहते हुए बताया कि संत रविदास ने सच्चे मन से ही भगवान की प्राप्ति कर ली थी। आगे बच्चों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग भी संत रविदास की तरह निश्छल मन,दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प के साथ पठन पाठन का कार्य करते रहिए, कोई भी कार्य छोटा बड़ा नहीं होता, फल की चिंता मत कीजिए। आप लोग सदैव संत रविदास की तरह अपने पथ पर अग्रसर होंगे। संत रविदास का जीवन सामाजिक कुरीतियों को दूर करते हुए प्रेम, भक्ति व सच्चे मन को दर्शाता है। उक्त अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षकों, छात्रों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।