धार प्रेम सुधा की ऐसी होती है

धार प्रेम सुधा की ऐसी होती है

नदियों का जल जब बहता है,
सागर में जाकर मिल जाता है,
धार प्रेमसुधा की ऐसी होती है,
जो पत्थर को पिछला देती है।

चाहत की नदिया प्रेमजल से
अपनों के जीवन में हरियाली
ख़ुशियों की लेकर आ जाती है,
ग़ैरों को भी अपना बना लेती है।

जीवन में रिश्तों की शुचिता वैसे ही,
सम्बंधों को स्वच्छ, पवित्र रखती है,
जैसे निर्मल जल, जिसका न कोई
रंग और न कोई आकृति होती है।

परंतु यही निर्मल जल जीवन के
अस्तित्व के लिये सदा आवश्यक
और अत्यंत महत्व पूर्ण होता है,
रिश्तों का धागा अटूट तभी होता है।

मन-मस्तिष्क व्यापक हो उतना
जितना व्यापक नीलाम्बर है,
आदित्य सहनशीलता उतनी हो,
जैसा प्रकृति का विस्तृत आँगन है।

कर्नल आदिशंकर मिश्र ‘आदित्य’
जनपद—लखनऊ

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

Jaunpur News: Two arrested with banned meat

JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोकझोंक, जानिए क्या है मामला

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Read More

Recent