घूसखोर महिला लेखपाल ने गरीबों की झोपड़ी उजाड़ने व बुलडोजर चलवाने की दी थमकी

घूसखोर महिला लेखपाल ने गरीबों की झोपड़ी उजाड़ने व बुलडोजर चलवाने की दी थमकी

जितेन्द्र सिंह चौधरी
चौबेपुर, वाराणसी। स्थानीय थाना क्षेत्र के खरगीपुर गांव आजकल सुर्खियों में है, क्योंकि यहां की महिला लेखपाल माला कुमारी रिश्वत ना मिलने पर गरीबों की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवाने की अल्टीमेटम दे चुकी है जिसके विरुद्ध ग्रामीणों ने भ्रष्ट लेखपाल मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पब्लिक का दबाव देखकर महिला लेखपाल वहां से अपने साथियों के साथ भाग निकली। बताया जाता है कि खरगीपुर गांव में मूसहर और निषादों की लगभग दो तीन सौ घरों की बस्ती आबाद है।

लगभग 100 साल पहले से भी वहां पर अपनी झोपड़ी में लोग जीवन बसर करते आ रहे है व आबाद भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे लोगों के मकान, झोपड़ी का मालिकाना हक देने के लिए घरौनी प्रमाण पत्र देने की पहल के साथ कानुन बनाया।
लोगों ने बताया कि जिसे धता बताते हुए लेखपालों ने बड़ी संख्या में लोगों का निष्पक्ष जांच न करके घरौनी देने में जमकर धाँधली किया। निष्पक्ष तरिके से घरौनी देने में आनाकानी की और अपना चारागाह यानी रिश्वत लेने का धंधा बना लिया। यह धंन्धा भली-भांति फले-फुले इसके लिए गांव गांव में जहां लेखपालों की नियुक्ति है।

लेखपालों ने गरीबों, मजलूमों, मुसहरों से नाना प्रकार के हथकंडे अपनाकर धमकी चमकी देकर घर उजाड़ देने बुलडोजर चलवा देने कि धमकियां देते हुए धन वसूली की मांग करने लगे जिससे जनता ने घबराकर लोकतांत्रिक तरिके का सहारा लेकर वर्तमान लेखपाल माला कुमारी के खिलाफ धरना, प्रदर्शन, मुर्दाबाद के नारे लगाए जिससे लेखपाल गांव से अपने साथियों के साथ निकलने में ही भलाई समझी।
बताया गया कि खरगीपुर गांव में अन्यत्र जगह भी बहुत काफी गांव सभा की नवीन परती, बंजर की जमीने खाली पड़ी है जिसे दबंगों ने कब्जा कर रखा है। उन दबंगों के घर कभी कोई लेखपाल जाकर न जरीब चलाएगा न धमकाए गा न उनसे धन उगाही की मांग करेगा। बस गरीबों, मजलुमों, मुसहरों, मल्लाओं के घर के आस-पास ही बंजर ,नवीन परती व आबादी की जमीन दिखाई देती है।

भारत सरकार ने इन दिनों नल जल योजना के लिए गांव गांव में पानी की टंकी बनाने के लिए प्रयासरत है। खरगीपुर गांव में पहले से ही पानी सप्लाई के लिए ट्यूबेल लगा हुआ है जिससे आज भी पानी की सप्लाई होती है। टुबेल के बगल में पानी टंकी बनाने के लिए अरसा पहले जिन गरीबों को पट्टे पर जमीन दी गई थी। उनके जमीनों पर टुबेल लगा दिया गया और टुबेल के लिए पानी टंकी भी प्रस्तावित कर दी गई। पानी टंकी तो बनी नहीं टुबेल से पानी लगातार लोगों को मिलता रहा।

मल्लाह बस्ती के लोगों का कहना है कि हम लोग लगभग 60-70 साल से आवाद हैं और अपने -अपने झोपड़ी में रहतें है। महिला लेखपाल माला कुमारी कुछ दबंगों के उकसावें आकर और अपने मनबढ़ साथियों के साथ वसूली करने के उद्देश्य से आती है और धमकी भी देती है कि घर पर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा। ग्राम की महिलाओं पुरुषों ने महिला लेखपाल के खिलाफ आंदोलन भी किया और सरकार से मांग किया कि मामले का निष्पक्ष जांच करके हम लोगों को न्याय मिलना चाहिए।

मल्लाह बस्ती के बुधिराम मल्लाह, पुनवासी, सुमित्रा, मरसा देवी, लवंगा देवी, सुंनरी देवी, शशी कपूर, सोनी, अंजू, नीलम, पूजा देवी, कविता, प्रदीप, संदीप, जितेंद्र, मंजू देवी, प्रमोद कुमार, प्रवीण कुमार, अनिल नाविक, राजेश नाविक, प्रियंका, मीनू सभी नागरिकों ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री अमित शाह व अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, डी.एम. सहित आला अधिकारियों से मांग किया कि हमें उचित न्याय मिले, ताकि हम लोगों की मड़ई, झोपड़ी, उजाडी न जाए। गांव में अन्यत्र भी जमीनें हैं, वहां पर गवर्नमेंट की लाभकारी योजना दी जाए है। इसमें हम लोगों को कोई एतराज नहीं और इस भ्रष्ट महिला लेखपाल माला कुमारी के ऊपर जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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