बघौना धान क्रय केन्द्र पर बिचौलियों की बल्ले—बल्ले, किसान परेशान
क्रय केन्द्र प्रभारी कर रहे शासन के मंशा पर बड़ी चोट
जयशंकर द्विवेदी/धर्मेन्द्र सिंह
बल्दीराय, सुल्तानपुर। स्थानीय तहसील अन्तर्गत धान क्रय केंद्रों पर बिचौलियों की सक्रियता ने किसानों को संकट में डाल दिया है। केन्द्र प्रभारियों व बिचौलियों की सांठ—गांठ ने किसानों को अपनी गाढ़ी कमाई को औने—पौने बेचने को मजबूर कर दिया है जिससे किसानों की हितैषी सरकार की मंशा खतरे में है।
जानकारी के अनुसार बल्दीराय तहसील में बघौना क्रय केंद्र पर किसानों को अपने धान की फसल को क्षेत्रीय सेठों के हाथ बेचने पड़ रहे हैं।
शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 तो ग्रेड ए-2060 प्रति कुंतल तय किया गया है जबकि किसानों को मजबूरी में धान को 1400 से 1700 में विचालयों को बेचना पड़ रहा है। क्रय केंद्र प्रभारी के खास अथवा प्रभावशाली लोगों के धान खरीद लिए जाते हैं, ताकि इनके मुंह बंद रहे। यहां यह भी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इन कर्य केन्द्रों को बिचौलिए ही संचालित कर रहे हैं जिस पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है।
ऐसे होता है घपला
धान क्रय केंद्रों पर केंद्र प्रभारियों व विचौलियों में बड़ा घपला किया जाता है जिसमें चहेते खतौनीधारक किसानों अथवा किसानों के खतौनी एवं खाता नम्बर तो दर्ज होते है किंतु मोबाइल नम्बर उसीदूसरे का होता है जिसके द्वारा धान बेचा गया होता है। यदि क्रय रजिस्टर में दर्ज मोबाइल नम्बर खतौनी को ट्रेस कर जांच किया जाय तो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।
क्या बोले किसान?
बघौना बाजार के किसान परवेज का कहना है कि कर्यकेन्द्र प्रभारी से जब धन खरीद के विषय में बात की गयी तो उन्होंने बताया कि अभी खरीद नही हो रही है। धान खरीदने से पहले पंखा लगाकर “ओसाया”जाएगा। परवेज ने यह भी बताया कि यहां पावरफुल लोगों के धान खरीदे जाते हैं। समरथपुर ग्राम प्रधान ने बताया कि बघौना में किस जगह क्रय केन्द्र है। कोई जानता ही नहीं है। किसान परेशान हैं। गाढ़ी कमाई की फसल को विचौलियों को बेचने को मजबूर हैं। यद्यपि गत दिनों उपजिलाधिकारी बल्दीराय महेंद्र श्रीवास्तव ने धान क्रय केंद्र देहली बाजार और बघौना बाजार का औचक निरीक्षण कर क्रय केन्द्र प्रभारियों को उचित दर व शासन के मंसानुरूप धान खरीदने की चेतावनी दी थी किंतु नतीजा उल्टा रहा। प्रभावशाली लोगों व चहेतों के धान खरीद कर यह प्रभारी व बिचौलियों से सांठ—गांठ कर कमाई में जुटे हैं।
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