गांधी नेत्र चिकित्सालय की महिला डाक्टर संग तीन पर केस दर्ज
अंकित सक्सेना
बदायूं। शहर के प्राइवेट बस स्टैण्ड स्थित गांधी नेत्र चिकित्सालय पर तैनात महिला डॉक्टर, उनके बेटे एवं भांजे पर धोखाधड़ी और धमकी के आरोप में सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा उझानी निवासी एक डी फार्मा के छात्र की तहरीर पर दर्ज हुआ है।
पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस से पहले क्षेत्रीय सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य से की थी। उनके हस्तक्षेप से मुकदमा दर्ज किया गया है। उझानी नगर के मोहल्ला मिल कंपाउंड निवासी नीरज कुमार पुत्र शेर सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि वह बेरोजगार है। वर्तमान में रहकर वह बरेली में रहकर डी फार्मा का कोर्स कर रहा है। उसकी बदायूं शहर में प्राइवेट बस स्टैंड के समीप स्थित गांधी नेत्र चिकित्सालय पर तैनात डॉ. सुशीला मिश्रा पत्नी महेश मिश्रा से जान पहचान दी थी। आरोप है कि डॉक्टर ने उसकी नौकरी लगवाने की बात कहीं थी। इस पर वह उनके झांसे में आ गया। उसने 10 फरवरी वर्ष 2017 को नौकरी लगवाने के नाम पर उससे 90 हजार रुपये लिए थे, लेकिन उसकी कोई नौकरी नहीं लगवायी।
जिसको लेकर उसने 26 सितंबर वर्ष 2019 में सिविल लाइंस कोतवाली में पुलिस को घटना की तहरीर दी। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया। इस दौरान डॉक्टर ने 15 हजार रुपये देकर बाकी के रुपयों को दो माह के अंदर देने को कहा। दो माह गुजरने के बाद उसने डॉक्टर से रूपयों का तकादा किया, लेकिन डॉक्टर, उनका बेटा और भांजा जान से मारने की धमकी देने लगा। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। सांसद के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित ने सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस को तहरीर देने से पूर्व इस मामले की शिकायत सांसद डॉ. संघ मित्रा मौर्य से की थी। उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर गांधी नेत्र चिकित्सालय की डॉ. सुशीला मिश्रा, इनके बेटे दीपू मिश्रा और भांजे हरद्ववारी के खिलाफ धोखाधड़ी एवं धमकी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर सीपी शुक्ला ने बताया कि तहरीर के आधार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है।
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