कारगिल शहीद राम समुझ को दी गयी श्रद्धांजलि
कारगिल शहीद राम समुझ को दी गयी श्रद्धांजलि
25 शहीद परिवारों का किया गया सम्मान
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। कारगिल शहीद रामसमुझ यादव की स्मृति में उनके गांव नत्थूपुर, अंजान शहीद स्थित शहीद पार्क में मंगलवार को उनकी याद में शहीद मेले का आयोजन किया गया। शहीद मेले के मुख्य अतिथि वीर नायक दीपचंद कारगिल योद्धा रहे। शहीद मेले में आस-पास के जनपद के 25 शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया। वहीं विविध देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयेाजन किया गया। इस दौरान वीर नायक दीपचन्द्र ने अग्निवीर योजना के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि मेरा मानना है कि यह योजना ठीक नहीं है।
लेकिन अभी योजना आई है तो आगे देखना होगा की क्या चार साल की सर्विस वाले सैनिकों के अंदर अपनापन आता है या नहीं। कारगिल युद्ध में शहीद रामसमुझ यादव की स्मृति में 22 वर्षों से उनके गांव स्थित नत्थुपुर कें शहीद पार्क में शहीद मेले का आयोजन होता है, इस वर्ष भी शहीद मेले का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में उपस्थित लोगों ने कारगील शहीद रामसमुझ को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्वाजलि दिया। इसके बाद शहीद राम समुझ के भाई प्रमोद यादव ने आजमगढ़, गोरखपुर, गाजीपुर सहित अन्य जिलों के 25 शहीद परिजनो को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। शहीद मेले में मुख्य अतिथि वीर नायक दीपचन्द्र जो कारगिल युद्व के दौरान अपना एक हाथ व दोनों पैर गवां चुके है, वे पहुंचे। उन्होंने शहीद मेले में उपस्थिल लोगों को कारगिल युद्व के दौरान साहस, वीरता और देशभक्ति की गाथा से लोगों को रूबरू कराकर उत्साहित किया।
वहीं विभिन्न प्रकार के देशभक्ति गीतो व कार्यक्रमों के माध्यम से शहीद मेले में उपस्थित लोग देशभक्ति में डूबे रहे।इस दौरान वीर नायक दीपचन्द्र ने कहा कि इस तहर के कार्यक्रम हमेशा आयोजित होना चाहिए क्याकि जो सैनिक शहीद हुआ है, वह मां भारती के लिए शहीद हुआ है। उन्होंने कहा कि हर विभाग मे लोग भागने के लिए आते है लेकिन सैनिक बनने के लिए विरले ही लोग जाते हैं। अग्निवीर योजना के सवाल पर वीर नायक दीपचन्द्र ने कहा कि अभी अगर एक ट्रीप भर्ती हो जाय तो तब हम बोलंेगे। क्या पता लोग इसमें कुछ बदलाव करना चाह रहे हैं। अब भर्ती के बाद क्या होता है। यह हम लोगों को एक बार देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से अग्निवीर ठीक नहीं है।
कारण जो सैनिक 15 से 20 साल तक रहता है तो सब एक दूसरे के लिए समर्पित रहते है लेकिन चार वर्ष वह अपनापन नहीं आयेगा। चार साल में कोई आयेगा तो वह नौकरी व छोकरी मिल गई, फिर भागों यहां से। ये हमारे अपने विचार है लेकिन उपर और भी बडे़ लोग हैं, उनकी क्या सोच है, यह देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी 18 साल की उम्र में आयेगा और 22 की उम्र में रिटायर हो जायेगा तो देश के लिए उसका क्या योगदान होगा। वहीं कारगील शहीद रामसमुझ के छोटे भाई व शहीद मेले के संयोजक प्रमोद यादव ने कहा कि वर्ष अपने भाई के शहीद होने के बाद प्रत्येक वर्ष शहीद मेले का आयोजन करते है। शहीद मेले में जनपद के साथ आस-पास के जनपदों के शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने के साथ ही देशभक्ति कार्यक्रमो का भी आयोजन किया जाता है। मेले में आस-पास के बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर शहीद बडे़ भाई रामसमुझ को श्रद्वासुमन अर्पित करते हैं।