रिश्तेदारों को टेण्डर देने वाले डीएफओ का तबादला, विभाग में मचा हड़कम्प
लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारियों को देते रहे गलत खबर
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। विवादों की वजह से लगातार सुर्खियों में रहने वाले डीएफओ सुरेश पांडेय के लखनऊ भेजे जाने की खबर से वन विभाग में हड़कंप मच गया। बताते चलें कि इनके आने के बाद से जिले में अवैध कटान, अवैध भट्टियां तेजी से फैलने लगी थी डीएफओ अधिकारियों को गुमराह करने से भी बाज नहीं आते थे।
इन्होंने अधिकारियों को गुमराह करते हुए जिले में एक नगर वन की जगह चार नगर वन की भ्रामक रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी को देने मे भी कोई संकोच नहीं किया और जब इसकी जांच हुई तो केवल एक नगर वन ही मानक अनुरूप पाया गया और बाकी जगह घने जंगल पाया गया।
बताते चलें कि पर्यावरण संरक्षण के लिए मार्गो कि चौड़ीकरण में बाधक पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराने का आदेश उच्च न्यायालय ने दिया। पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराए जाने के लिए प्रभारी डीएफओ को ईटीसी योजना के अंतर्गत सरकार की गाइड लाइन के अनुरुप कराया जाना चाहिए लेकिन भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे डीएफओ ने बिना टेंडर ही लाखों रुपए का काम अपने चहेते और नजदीकी रिश्तेदार को दे दिया जिसका फर्जीवाड़ा उजागर होते ही महकमे के लोगों में हड़कंप मच गया था। लगातार सुर्खियों में रहने वाले डीएफओ सुरेश पांडेय के लखनऊ भेजे जाने की खबर से वन विभाग में कई ईमानदार कर्मचारी खुश भी हैं।
तेजस टूडे ने रायबरेली वन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से कई बार उजागर किया जिसके बाद उच्च अधिकारियों के द्वारा विभागीय जांच भी गुपचुप तरीके से कराई गई।
आखिरकार भ्रष्टाचार में लिप्त डीएफओ को रायबरेली से जाना पड़ा। डीएफओ इस तरह से नियमों को ताख में रखकर काम कर रहे थे जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मालियों को वनरक्षक पद पर पदोन्नति करवा दी। इस खबर को भी तेजस टूडे ने प्रमुखता से उजागर किया था।