लालगंज सीएचसी के भ्रष्टाचारी डाक्टरों ने फूंकी सरकारी दवाएं, भाजपा नेता की शिकायत पर उलझे

लालगंज सीएचसी के भ्रष्टाचारी डाक्टरों ने फूंकी सरकारी दवाएं, भाजपा नेता की शिकायत पर उलझे

दिनभर लिखी जाती हैं बाहर की दवाएं सरकारी दवाओं का जखीरा रखकर लगा दी जाती है आग
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। जिले कि सीएचसियो पर तैनात सीएम ओ बीरेंद्र सिंह के लाडले भ्रष्ट डाक्टरों के सरकारी दवाओं को फूंकना और बाहर कि दवाओं को लिखने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी पिछले वर्ष 2022 में भी जिले कि सलोन सीएचसी में सरकारी दवाओं को फूंके जाने का मुद्दा गरमाया ही था जिसमें पत्रकारों से अभद्रता करने वाले दस डाक्टरों के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है वहीं अब एक बार फिर से सरकारी अस्पताल में मिलने वाली दवाओं को जलाने का मुद्दा गरमा गया है

किंतु हद कि बात यह है कि कार्यवाही के बजाय भ्रष्टाचारी डाक्टरों को बचाने कि जुगत में स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है विदित हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों को अस्पताल से सरकारी दवाएं नहीं दी जाती मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से मंगाई जाती है। जहां से डाक्टरों का कमीशन सेट होता है। लालगंज सीएचसी के कर्मचारियों द्वारा हजारों रुपए की कीमती सरकारी दवाओं में आग लगा दी गई ये दवाएं 2025 एक्सपायरी डेट की थी जो जलाई जा रही थी दरअसल पूरा लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां अभी कुछ दिन पहले लाखों की कीमत दवाइयां जलाए जाने के बाद डॉक्टर सहित कई लोगों के ऊपर कार्यवाही हुई थी मगर बात की जाए जो डॉक्टर जिम्मेदार हैं वह अपनी आदत से मन नहीं आते हैं बुधवार कि रात 11:00 बजे के करीब अस्पताल के पीछे दवाई जलाने के मामले में किसी ने किसान नेता रमेश सिंह को सूचना दी तो रमेश सिंह मैंय पत्रकार के साथ वहां पर पहुंचकर जलती हुई दावों को बुझाया और सीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र सिंह से कहने के बाद भी उन्होंने बताया कि हमारे यहां की दवाइयां नहीं है तो किसान नेता रमेश सिंह ने डीएम हर्षिता माथुर को फोन किया पांच बार डीएम के हस्तक्षेप के बाद दवाइयां सील की गई और वहां पर तैनाद डॉक्टर सत्यजीत नहीं रमेश बहादुर सिंह और पत्रकारों से अभद्रता की वही किसान नेता रमेश सिंह ने बताया की हमें सूचना मिली कि अस्पताल परिसर में जो बिल्डिंग बन रही है उसके पीछे दवाई जलाई जा रही हैं हमारे साथ काफी पत्रकार भी आए और दवाइयां को बुझाई गई जब इसकी सूचना सीएमओ को दी गई तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां की दवाई ही नहीं जब डीएम हर्षिता माथुर को फोन किया गया तो तो जिला प्रशासन हरकत में आया और दावों को सील करके रख दिया गया।

मामला संज्ञान में जांच के बाद होगी कार्यवाही: सीएमओ वीरेंद्र
वही इस मामले में जिले के लापरवाह सीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हां मामला जानकारी में आया है अभी जाकर जांच करते हैं की दवाई कहां की है कौन लाया किस जगह से आई किसने उसको जलाया इस पर जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

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