इलेक्ट्रिक लाइन पर ट्रायल के लिये दौड़ी ट्रेन
इलेक्ट्रिक लाइन पर ट्रायल के लिये दौड़ी ट्रेन
इस लाइन पर अब फर्राटा भरेगी बिजली वाली रेलगाड़ी
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। परसेंडी से बिसवां के बीच ट्रेन से सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए अच्छी खबर है। करीब 14 किमी. की दूरी में बिछाई गई दूसरी रेल लाइन और विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद सोमवार को सीआरएस हुआ। रेलंरक्षा आयुक्त ने ट्रैक का निरीक्षण कर सुविधाओं को परखा। इसके बाद स्पेशल ट्रेन 120 किमी. की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ाई गई। लोको ट्रेन ने महज 14 मिनट में 14 किमी. की दूरी तय कर ली, ट्रॉयल सफल रहा।
अब जल्द ही इस ट्रैक पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनें फर्राटा भरती नजर आएंगी। रेलवे लगातार रेल लाइन के दोहरीकरण से लेकर इलेक्ट्रिक लाइन करने पर जोर दे रहा है। सीतापुर से लखनऊ हो या फिर लखीमपुर रूट हो। ये लाइन इलेक्ट्रिक हो चुकी हैं। सीतापुर से बुढ़वल रूट पर पड़ने वाले परसेंडी से स्टेशन तक दोहरी रेल लाइन हो चुकी है। इसके बाद से रेलवे परसेंडी से बिसवां के बीच करीब में दूसरी रेल लाइन बिछाने और इस लाइन को इलेक्ट्रिक करने की दिशा में पिछले काफी समय काम कर रहा था। दोहरीकरण और इलेक्ट्रीकरण के कार्य पूरे हो चुके थे। इसको लेकर सीआरएस होना था। पूर्वोत्तर मंडल के रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ की ओर से सीआरएस के लिए तारीख 11 अप्रैल मुकर्रर की गई थी। तय तारीख पर सोमवार की सुबह रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ सबसे पहले परसेंडी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने परसेंडी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान दोहरीकरण, विद्युतीकरण रेल खंड के मानक के अनुरूप बनाए यार्ड प्लान, न्यूट्रल सेक्शन, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रॉसिंग, सिगनलिंग ,बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, ओवर हेड ट्रैक्शन की ऊंचाई ,फाउलिंग मार्क, पैनल इंटरलॉकिंग, नियंत्रण फीडर आइसोलेशन आदि को परखा।
इसके रेल अफसरों के साथ करीब 10 बजे मोटर ट्राली से परसेंडी-रमईपुर रेल खंड स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण, विद्युतीकरण के निमित्त बनी नई लाइन का निरीक्षण किया। परसेंडी से बिसवां के बीच पड़ने वाले स्टेशनों का निरीक्षण कर वह बिसवां पहुंचे। रेलवे के लखनऊ पीआरओ महेश गुप्ता ने बताया कि बिसवां से रेल संरक्षा आयुक्त ने स्पेशल ट्रेन से परसेंडी का स्पीड ट्रॉयल किया। बताया कि वह पूरी तरह से सफल रहा। बताया कि सीआरएस स्पेशल अधिकतम 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। सीआरएस स्पेशल ने इस तरह से 14 किमी. की दूरी महज 14 मिनट में ही तय कर ली। स्पीड ट्रॉयल सफल होने के साथ ही रेल सरंक्षा आयुक्त की ओर से अब इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ाने पर हरी झण्डी दे दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इस ट्रैक पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ती नजर आयेंगी। मौके पर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) राजीव कुमार, मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ डा. मोनिका अग्निहोत्री, मुख्य इंजीनियर एके सिंह, मुख्य विद्युत वितरण इंजीनियर ओपी सिंह, मुख्य सिग्नल इंजीनियर एके वर्मा समेत निर्माण संगठन के अधिकारी समेत अन्य अफसर मौजूद रहे। जंक्शन अधीक्षक एके शुक्ला ने बताया कि इस रेल ट्रैक के इलेक्ट्रिक हो जाने की वजह से जनता से अपील की जाती है कि वह नये विद्युतीकृत रेलवे ट्रैक, ओवर हेड लाइन से सुरक्षित और उचित दूरी बनाए रखें, ताकि सुरक्षित रहें।
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