पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के लिये लगातार संघर्ष होगा: सत्येन्द्र पाल
पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के लिये लगातार संघर्ष होगा: सत्येन्द्र पाल
बुन्देलखण्ड क्रान्ति दल ने राज्य निर्माण की मांग को लेकर छतरपुर में दिया ज्ञापन
मुकेश तिवारी
झांसी। बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य के निर्माण की मांग को लेकर छतरपुर जनपद में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर छतरपुर की अनुपस्थिति में प्रभारी अधिकारी को सौंपकर शीघ्र पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग की।
ज्ञापन सौंपते हुए बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज हम इसलिए पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर आये हैं, क्योंकि 01 नबम्वर 1956 को जवाहर लाल नेहरू ने बुंदेलखंड राज्य समाप्त कर हमारे साथ अन्याय किया था।
तब से बिना किसी राज्य पुनर्गठन आयोग के हिंदुस्तान में अनेकों राज्य बनाए गए हैं लेकिन बुंदेलखंड का राज्य नहीं बनाया। यह बुंदेलखंड के साथ अन्याय है। बुंदेलखंड को लूटा जा रहा है, बुंदेलखंड से कलेक्ट होने वाला टैक्स बुंदेलखंड में खर्च नहीं किया जा रहा है। बुंदेलखंड में गरीबी है, शिक्षा का अभाव है, रोजगार का सृजन नहीं है, किसान सिंचाई के लिए परेशान है, विकास की योजनाएं चलाई नहीं जा रही है। बुंदेलखंड का विकास अगर होगा तो केवल राज्य निर्माण से होगा। हम सरकार से मांग करते हैं कि बुंदेलखंड राज्य जल्दी बना दो क्योंकि बुन्देलखण्ड राज्य के लिए आन्दोलन अब थमेगा नहीं।
ज्ञापन में कहा गया कि आजादी के बाद 12 मार्च 1948 को पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के पहले मुख्यमंत्री कामता प्रसाद सक्सेना बने थे। नौगांव को पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की राजधानी/मुख्यालय बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य लगभग 08 साल रहा। 1 नवम्बर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम देश की संसद में पारित हुआ। सन 1956 में 14 राज्य व 6 केन्द्र शासित राज्य बनाये गये। 1 नवंबर 1956 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पृथक बुन्देलखण्ड राज्य को समाप्त कर बुन्देलखण्ड राज्य को दो भागों में विभाजित कर उत्तर प्रदेश व् मध्य प्रदेश में बांट दिया गया।
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 27 अप्रैल 2014 को झाँसी संसदीय चुनाव क्षेत्र की रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने स्वंय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बुन्देलखण्ड की जनता से वायदा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार आयी तो तीन वर्ष के भीतर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बना दिया जाएगा लेकिन बहुत दुःख है कि इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे बुन्देलखण्ड की जनसंख्या 1,83,34,753 है। बुन्देलखण्ड के पास 70,592 वर्ग किलोमीटर भूमि है। यदि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के 14 जिलों को मिलाकर बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया तो अपनी जनसंख्या के अनुसार देश का 19वां और जमीन के अनुसार देश का 18वें नंबर का राज्य होगा। बुन्देलखण्ड छोटा राज्य नहीं होगा।
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