यूरिया खाद के लिये मची चीख पुकार
जयशंकर दूबे/श्याम सुंदर विश्वकर्मा
कूरेभार, सुल्तानपुर। स्थानीय क्षेत्र में यूरिया खाद के लिए किसानों में चीख पुकार मची हुई है। ज्यादातर किसानों ने गेहूं, सरसों की सिंचाई कर दी है, जिसके बाद यूरिया की आवश्यकता पड़ती है। पहले तो गेहूं बुआई को लेकर डी ए पी के लिए मारामारी हुई।और अब यूरिया को लेकर किसान दर दर भटक रहे हैं। सहकारी गोदामों पर जैसे ही पता चलता है कि खाद आ गयी है, वैसे ही वहां किसानों का जमावड़ा लग जाता है और धक्का मुक्की शुरू हो जाती है।
और बाद में पता चलता है, खाद खत्म हो गयी जिस पर किसान निराश हो कर घर लौट जाते हैं जिसका पूरा फायदा प्राइवेट दुकानदार उठा रहे हैं। खाद की कमी के चलते वे किसानों को मंहगे दामों में बेंच रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने तो प्रति बोरी यूरिया पर घटिया किस्म का एक किलो सल्फर या एक किलो जिंक का लग्घड़ भी लगा रखा है जिसका मूल्य डेढ़ से दो गुना कर दिया है। अब खाद लेकर फसल में डालना किसानों की मजबूरी बन गयी है जिसका नाजायज फायदा प्राइवेट दुकानदार उठाकर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं तथा शासन प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन है।
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