जिला अस्पताल में नहीं हैं कार्डियोलाजिस्ट, मरीज परेशान
हृदय रोग विशेषज्ञ के रिटायरमेंट के बाद नहीं हुई नियुक्ति
रूपा गोयल
बांदा। जिला अस्पताल में दिल के दर्द का इलाज करने वाला कोई नहीं है। दिल का दौरा पड़ने पर मरीजों को सीधे कानपुर या प्रयागराज के लिए रेफर किया जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञ के न होने से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि अगर जिला अस्पताल में किसी कार्डियोलाजिस्ट की नियुक्ति हो जाए तो वह लोग बाहर जाने से बच जायं।
जिला अस्पताल में तैनात हृदय रोग विशेषज्ञ डा. केएल पांडेय दो वर्ष पहले सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके स्थान पर किसी भी चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है। जबकि जिला अस्पताल में एक फिजीशियन की तैनाती है। हार्ड बीपी के मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन चार से छह मरीज दिल का दौरा पड़ने से पीडित्रत होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। ट्रामा सेंटर में ईसीजी करने के बाद इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक फिजीशियन को बुलाकर उनका इलाज करवाते हैं।
फौरी तौर पर इलाज करने के बाद फिजीशियन उन्हें सीधे कानपुर या प्रयागराज का रास्ता दिखा देते हैं। लंबी दूरी तय करने के लिए मरीज के तीमारदारों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो मरीज की जान पर भी बन आती है। गंभीर अवस्था में ले जाते समय मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। इस संबंध में सीएमएस डा. एसएन मिश्र ने बताया कि फिलहाल कार्डियोलाजी की तैनाती नहीं हुई है। केएल पांडेय के कक्ष पर डा. शिशिर चतुर्वेदी को तैनात किया गया है। वही दिल के दर्द के मरीजों को देखते हैं।
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