प्रथम प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण कर किसान की पुत्री ने बढ़ाया मान
प्रथम प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण कर किसान की पुत्री ने बढ़ाया मान
शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में बांदा जिले के कमासिन कस्बा के किटहाई गांव निवासी किसान की पुत्री गरिमा मिश्रा ने प्रथम प्रयास में ही नेट जेआरएफ की परीक्षा में सफलता प्राप्त करके अपने माता पिता के साथ बांदा जनपद का भी मान बढ़ाया। मिली जानकारी के अनुसार गरिमा को यह सफलता प्रथम प्रयास में ही हासिल की है। गरिमा की शिक्षा क्षेत्र राजकीय बालिका इंटर कालेज, कमासिन से हाई स्कूल में 79 प्रतिशत अंकों के साथ में तथा कैलाशपति इंटर कालेज, बेर्रावं से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त कर 82ः अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इसके बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट, उत्तर प्रदेश से स्नातक की परीक्षा में 71 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक भी जीता’ वर्तमान में गरिमा मिश्रा, दिव्यांग विश्वविद्यालय में ही संस्कृत में परास्नातक द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत हैं। उल्लेखनीय हैं कि गरिमा मिश्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर व जेआरएफ की दक्षता परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही सफलता मिली है। आल इंडिया लेवल पर होने वाली इस परीक्षा में संस्कृत विषय में जनरल दिव्यांग कोटे से सिर्फ 1 सीट थी जिसे गरिमा मिश्रा ने हासिल कर सभी का मान बढ़ाया है। गरिमा मिश्रा भविष्य में आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं।
गरिमा मिश्रा को उनकी इस सफलता पर पदम विभूषित जगद्गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य, कुलपति प्रो. योगेश चन्द्र दुबे, कुलसचिव आरपी मिश्रा, डीन डा. विनोद मिश्रा, डा. गोपाल मिश्रा, डा. महेंद्र उपाध्याय सहित एसपी मिश्रा ने अत्यंत बधाई व आशीर्वाद दिया है। गरिमा के परिवार में माँ संगीता मिश्रा, बहन नेहा मिश्रा, आस्था मिश्रा व भाई अथर्व मिश्रा ने अत्यंत खुशी जताई है। गरिमा मिश्रा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता भाई-बहन, के साथ ही अपने शिक्षकों मे डा. प्रमिला मिश्रा, डा. अंबरीष राय, जितेंद्र सिंह, गुड़िया सिंह, प्रभा पाण्डेय आदि सभी का भी अहम योगदान रहा। विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ ने बधाई देते हुए गरिमा के उज्जवल भविष्य की कामना की।
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