महिला अस्पताल में पौने 12 बजे तक नहीं बैठीं चिकित्सक, सीएमएस ने की ओपीडी
कराहती रहीं गर्भवती महिलाएं, कई को घण्टों खड़े रहने से आ रहा था चक्कर
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। मंगलवार को महिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली गरीब गर्भवतियों व महिला मरीजों को इलाज मिल पाना अब संभव नहीं हैं। यहां तैनात चिकित्सकों को अपनी जिम्मेदारी की परवाह व अधिकारी का डर नहीं हैं। इसका नतीजा रहा कि सुबह 8 बजे से पीड़ा से कराह रही गर्भवतियां ओपीडी के सामने लाइन लगाकर खड़ी रही और उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। इस दौरान घंटो चिकित्सक के इंतजार में खड़ी कई गर्भवती चक्कर आने से गिर भी गई। मरीजों को इस गंभीर समस्या का सामना एक दिन नहीं प्रत्येक दिन करना पड़ रहा है।
चिकित्सकों के इस गंभीर लापरवाही के आगे जिम्मेदार भी बेबस नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थित में सीएमएस को खुद ओपीडी में बैठकर इलाज आरंभ करना पड़ा। गरीब जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन पूरी ताकत झोंक दिया है। उसके बाद भी इसका लाभ महिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से नहीं मिल पा रहा है। इसका अंदाजा जागरण की दो दिनों की पड़ताल से लगाया जा सकता है। सुबह के साढ़े ग्यारह बज रहे थे। महिला चिकित्सक की ओपीडी के सामने तारून से पहुंची नेहा व नीलम, रानीबाजार की कंचन, शहर के बेनीगंज की सकीना तथा नागपाली गांव निवासी रुक्मणी के अलावा करीब 150 गर्भवती व महिलाएं लाइन में खड़ी थी। ओपीडी के अंदर का मंजर था कि चिकित्सक की कुर्सी खाली पड़ी थी। अंदर बैठी स्टाफ नर्स फोन पर बात करती रही और उनको नहीं मालूम था कि किस चिकित्सक की डियूटी ओपीडी लगी है। इस दौरान अगर परेशन मरीज उनसे चिकित्सक के लोकेशन के बारे में जानकारी पूछ लें तो उनके कोप का सामना भी करना पड़ता देखा गया।
शिकायत के बाद सीएमएस ने की ओपीडी
ओपीडी में चिकित्सके के साढ़े 11 बजे तक न बैठने की शिकायत सीएमएस रामेंद्र प्रताप वर्मा से होने के बाद वह खुद एक नंबर ओपीडी में बैठकर इलाज आरंभ किया। इस दौराना गर्भवतियों को दूसरी ओपीडी के सामने लाइन लगाने में काफी समस्या का समना करना पड़ा।
सोमवार को 11 बजे तक नहीं थी चिकित्सक
महिला मरीजों को इस समस्या का सामना एक दिन नहीं हर दिन करना पड़ रहा है। सोमवार को भी 11 बजे तक ओपीडी में कोई चिकित्सक न बैठने से लाइन में खड़ी होकर परेशान होना पड़ा था।डा. रामेन्द्र प्रताप वर्मा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि डा. अनुपमा प्रशिक्षण व प्रियंका जैन के ओटी में मेडिको लीगल करने की वजह से ओपीडी खाली रही। इसकी जानकारी होने के बाद खुद ओपीडी की जिम्मेदारी देखी। जो गर्भवती चक्कर आने के बाद गिर गई थीं, उनका इलाज पहले किया गया।